उत्तराखंड 2022 का चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच जबरदस्त टक्कर का चुनाव माना जा रहा है, जहां राजनीति के विशेषज्ञ भी इस वर्ष पूरी तरह से आकलन नहीं कर पा रहे हैं कि 10 मार्च को भाजपा सरकार बनाएगी या फिर कांग्रेस बस कयास ही लगाए जा रहे हैं।
भाजपा और कांग्रेस को उत्तराखंड 2022 के चुनाव में थाली में लुढ़कते बैगन की तरह नेताओं ने भी काफी राजनीतिक स्तर पर नुकसान पहुंचाया है जनता के बीच दोनों राजनीतिक दलों में इन थाली के बैगन ने उत्तराखंड की जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाया है । दल बदल नेताओं के चक्कर में फस कर कांग्रेस और भाजपा को भले ही फायदा नज़र आया हो परंतु इससे साफ हो गया कि जो निर्दलीय प्रत्याशी अपने दम पर चुनावी रणभूमि में कूदे हैं। यदि कई विधानसभा सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों जीत कर आते है तो भाजपा या कांग्रेस को ऊंच नीच का सामना करना पड़ा तो यही निर्दलीय प्रत्याशी दोनों पार्टियों के लिए तुरुप का पत्ता साबित होंगे।
हालांकि 14 फरवरी को हुए मतदान के बाद जहां कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय पर जश्न का माहौल रहा वही आज भाजपा के युवा चेहरे युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आज भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश बीजेपी कार्यालय में जोरदार स्वागत किया और जश्न मनाया।
उत्तराखंड के 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत जहां मैदान में डटकर मुकाबले में कांग्रेस का चेहरा बनकर जमे रहे वही भाजपा के केंद्रीय केंद्रीय नेतृत्व ने हरीश रावत को घेरने के लिए बड़े चेहरों को मैदान में उतारा कोई साथ ही उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर भाजपा ने दांव खेलते हुए उत्तराखंड चुनावी मैदान में युवा पुष्कर सिंह धामी को अर्जुन के तौर पर रणभूमि उतार कर उत्तराखंड के युवाओं का दिल जीतने का पूरा प्रयास किया गया।
भाजपा और कांग्रेस पार्टी को चुनाव में कई जगह अपने ही लोगों द्वारा डैमेज भी सहन करना पड़ा ।
भाजपा के कई विधायकों के ऑडियो से लेकर के वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल होते रहे जिसका खामियाजा कहीं ना कहीं भाजपा को चुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है, दूसरी तरफ कांग्रेस की बात करें तो हरीश रावत के तजुर्बे ने कांग्रेस के कई नेताओं को अंदर खाने परेशान कर दिया जिसका खामियाजा कई नए प्रत्याशियों के रूप में कांग्रेस ने चुनावी मैदान में उतारे परंतु ज्यादातर नए चेहरे कोई खास छाप छोड़ते नज़र नहीं जिसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है।
माना यह जा रहा है कि भाजपा हो या कांग्रेस दोनों पार्टियों में उत्तराखंड के 2022 के विधानसभा चुनाव में अच्छा खासा भितरघात देखने को मिला जिससे भाजपा की कहीं ना कहीं “अब की बार 60 पार” का नारा फीका नज़र दिखाई दिया तो वही कॉन्ग्रेस के कई जाने-माने चेहरों को टिकट ना मिलने से भितरघात और कांग्रेस की अंतर्कलह किसी से छिपी नहीं है , जहां नेताप्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, रणजीत रावत खेमे से पूर्व हरिश रावत ख़ेमे को काफ़ी डैमेज होने का डर सता रहा है।
अभी के हालात देखे जाएं तो भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर से असमंजस की स्थिति बनी हुई है जो 10 मार्च को उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होंगे पर पाता चलेगा कि उत्तराखंड का शहनशाह कौन ?
रिपोर्ट: पवन नेगी