राजभवन देहरादून:
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गुरूवार को राजभवन में चारधाम यात्रा की तैयारियों के संबंध में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में शासन के उच्चाधिकारियों के साथ डी.जी.पी व संबंधित विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि चारधाम यात्रा उत्तराखण्ड की सामाजिक, सांस्कृतिक व्यवस्था की पहचान है। सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करना होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा का पूर्ण ध्यान रखा जाए। स्थानीय नागरिक चारधाम यात्रा के अभिन्न अंग हैं, उनकी भागीदारी के बिना यह यात्रा संभव नहीं है। होटल वाले, गाडी वाले एवं छोटी दुकान वाले इस यात्रा के महत्वपूर्ण भागीदार हैं। उन्होंने सभी की सुविधाओं को पूर्ण ध्यान रखने के निर्देश दिए।
राज्यपाल ने कहा कि यात्रा के दौरान तकनीक का प्रयोग करते हुए वैल्यू एडिशन करें। तकनीकी जिनमें मोबाइल एप, ड्रोन व आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स शामिल हैं के माध्यम से यात्रियों को सुविधाएं दी जाएं। यात्रा के माध्यम से स्थानीय उत्पादों विशेषकर महिला समूह के उत्पादों को बाजार मुहैया कराया जाए। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी शब्द टूरिज्म में OUR यानी हमारा शब्द छिपा है इस पर ध्यान देना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि यह 09 से 05 की ड्यूटी नहीं है इसमें पूर्ण समर्पण की भावना के साथ कार्य किया जाना चाहिए। यात्रा के दौरान आपदा प्रबंधन की मशीनरी को तैयार रखा जाए। आपदा के दौरान पुलिस सहित फर्स्ट रिस्पान्डर की भूमिका महत्वपूर्ण हैं, इन्हें अलर्ट रहने की जरूरत है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह श्रीमती राधा रतूड़ी और डी.जी.पी अशोक कुमार ने बताया कि यात्रा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाये गए हैं। ट्रैफिक मैनेजमेंट के 133 स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस तैनात की गई है।
सचिव परिवहन अरविन्द सिंह हृयांकी ने बताया कि यात्रा हेतु 1808 बसों को चिन्हित किया गया है, इसके साथ ही 500 अतिरिक्ति बसों की व्यवस्था भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि 19 स्थानों पर गाडियों की फिटनेस और कागजों की जांच के लिए यात्रा सेल गठित कर दी गई है। जहां से अभी तक 1586 ग्रीन कार्ड जारी हो चुके हैं। ऑनलाइन पोर्टल पर 166 ट्रिप कार्ड जारी किये गए हैं।
सचिव चिकित्सा राधिका झा ने बताया कि यात्रा मार्गों पर डॉक्टरों की तैनाती रोटेशन के आधार पर की जा रही है। उन्होंने बताया कि कॉडियोलॉजिस्ट की समस्या के समाधान के रूप में फिलहाल 35 चिकित्सकों को हृदय रोगियों के प्राथमिक उपचार के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। यात्रा अवधि में टेलिमेडिसीन की सेवाएं भी ली जायेंगी।
सचिव पेयजल नितेश झा ने बताया कि यात्रा मार्गों में इस बार 100 वाटर ए.टी.एम स्थापित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना विभाग की प्राथमिकता है।
सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि यात्रा मार्गों पर तहसील आपदा प्रबंधन केन्द्र सक्रिय हैं। स्थानीय नागरिकों में से लोगों को आपदा मित्र की ट्रेनिंग दी जा रही है।
सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति बी.एस.मनराल ने बताया कि यात्रा मार्गों पर खाद्य एवं आवश्यक पदार्थों की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। यात्रा मार्गों में 78 पैट्रोल पम्पों और 66 गैस एजैन्सियों में रिजर्व स्टॉक का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
महाप्रबंधक जी.एम.वी.एन स्वाती एस.भदौरिया ने बताया कि अभी तक यात्रा हेतु आनलाइन बुकिंग के माध्यम से 10.5 करोड़ धनराशि की बुकिंग प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने बताया कि सभी यात्री विश्राम गृहों को गूगल मैप पर पिन किया जा चुका है। 26 अप्रैल से जी.एम.वी.एन का कंट्रोल रूम 24X7 कार्यरत हो गया है।
सचिव पयर्टन दिलीप जावलकर ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केयर वेब पोर्टल संचालित किया जा रहा है। श्रद्धालु मोबाइल एप व वेब पोर्टल या भौतिक रूप से स्थापित कियोस्क के माध्यम से अपना पंजीकरण कराकर यात्रा प्रारंभ कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि पयर्टन की वेबसाइट को अन्य विभागों की सेवाओं के साथ जोड़ने का कार्य चल रहा है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, एवं आनंद वर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, डी.जी.पी. अशोक कुमार, सचिव श्री राज्यपाल, डा. रंजीत सिन्हा, सचिव पयर्टन दिलीप जावलकर, सचिव चिकित्सा राधिका झा, सचिव पेयजल नितेश झा, सचिव परिवहन अरविन्द सिंह हृयांकी, सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति बी.एस.मनराल, महाप्रबंधक जी.एम.वी.एन स्वाती एस.भदौरिया, महानिदेशक सूचना रणवीर सिंह चौहान के साथ ही पुलिस एवं शासन के उच्चाधिकारी व विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।