टिहरी :
देवभूमि उत्तराखंड पर्यटन व तीर्थाटन के लिए विश्व में प्रसिद्ध है,यहां देश-विदेश से पर्यटक वादियों का लुफ्त लेने आते हैं। पर्यटक यानी “अतिथि देवो भव” जिसको देवता का रूप अपने घर पर जगह दी जाती है। परन्तु घर आये देव के साथ ही दुर्व्यवहार किया जाए तो कानूनी कार्रवाई भी होना लाजिमी है। जी हां मामला है टिहरी का जहां टिहरी झील में PPP मोड पर संचालित फ्लोटिंग हट्स में एक पर्यटक ने कर्मचारी से पीने के लिए पानी मांगा तो हट्स संचालन कंपनी के कर्मचारी ने पानी की जगह पर्यटक को पेट्रोल के लिए प्रयोग की गई बोतल में पानी पिला दिया। पानी पीते ही पर्यटक को एहसास हुआ कि पानी में पेट्रोल के तत्व है जिससे पर्यटक की तबीयत बिगड़ गई। और उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लेजाया गया।
जब मामला स्थानीय पुलिस के पास पहुंचा तो संबंधित कंपनी के तीन कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। क्षेत्र के कोतवाल कमल मोहन भंडारी ने बताया कि दिल्ली निवासी उमेश गुप्ता ने थाने में दी तहरीर देते हुए बताया कि वह टिहरी झील में संचालित फ्लोटिंग हट्स में रह रहे थे, उन्होंने ऑनलाइन हट बुक कराई थी। जिसमें कंपनी को स्लीपिंग व्यवस्था के साथ पानी व चाय आदि की सुविधा भी देनी थी। रात को जब उन्होंने वेटर से पानी मांगा तो वेटर एक बोतल में पानी लेकर आया। लेकिन जैसे ही उन्होंने पानी पिया उसमें मिला पेट्रोल भी उन्होंने पी लिया। जिससे पर्यटक को उल्टी होने साथ ही उनकी तबियत बिगड़ने लगी। जब उन्होंने इस मामले शिकायत कंपनी के कर्मचारियों से की, तो कंपनी प्रबंधन ने उनकी कोई मदद नहीं की।