रूस में घूमने गए सात भारतीय नागरिकों को वहां के आर्मी में शामिल होने के लिए धोखे से भर्ती किया गया है। यह उन्हें यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ने की ट्रेनिंग दी जा रही है। भारतीय राजदूतावास ने इस मामले में सकारात्मक कदम उठाते हुए रूस सरकार से इस मामले की जांच करवाने का आग्रह किया है। भारतीय सरकार ने इस मामले की सीधी जांच करने के लिए रूसी सरकार से सहयोग का अनुरोध किया है।
रूस में कई भारतीयों को धोखा देकर यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ने के मामले सामने आ रहे हैं। पंजाब के होशियारपुर के रहने वाले 7 युवक रूस के टूर पर गए थे, लेकिन वहां उन्हें जबरन रूस की प्राइवेट आर्मी कहे जाने वाले वैगनर ग्रुप (Wagner Group) में भर्ती कर लिया गया। रूस में फंसे लोगों ने वीडियो जारी कर इसका दावा किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूस में फंसे इन भारतीयों ने विदेश मंत्री डॉ० एस.जयशंकर से भारत लौटने में मदद करने की गुहार लगाई है।
27 दिसंबर 2023 को भारत से रूस के लिए निकले गगनदीप सिंह के अनुसार, वे 27 दिसंबर को न्यू ईयर मनाने के लिए रूस के लिए रवाना हुए थे। इन लोगों के पास रूस का ट्रैवेल वीज़ा था, जो 90 दिनों के लिए मान्य था। रूस घूम ने के बाद फिर इन्होंने अपने एजेंट के कहने पर रूस के पड़ोसी देश बेलारूस की यात्रा की।
भारतीय नागरिक गगनदीप सिंह ने बताया है कि उन्होंने बिना वीजा के बेलारूस जाने का फैसला किया था, जहां उनके साथ एक एजेंट ने अधिक पैसे मांगे और उन्हें हाईवे पर छोड़ दिया। उसके बाद, उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया और उन्हें रूसी आर्मी ऑफिसर को सौंप दिया। उन ऑफिसर्स ने उनसे कुछ डॉक्युमेंट्स पर हस्ताक्षर करवाए। गगनदीप ने कहा कि अब रूस उन्हें युक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए मजबूर कर रहा है।
Russia deceived dozens of Indians and forcefully recruited them into the army. After this they were trained to fight the war against Ukraine. This claim has been made by 7 people resident of Hoshiarpur, Punjab by releasing a video #Russian #RussiaIsANaziState #rtept #facebookdown pic.twitter.com/rqtCbo0QX6
— jagritimedia.com (@jagriti23091982) March 6, 2024