आज विपक्षी दलों की बैठक पटना में सम्पन्न हुई । इस बैठक में सभी विपक्षी दलों के दिग्गज नेता शामिल हुए ।
2024 में लोकसभा चुनाव होने है, जिसमे एक साल से भी कम समय बचा है। जिसकों देखते हुए देश की सभी मुख्य पार्टियां अपनी जोर शोर से तैयारियों में जुट गई हैं। इसी को लेकर आज शुक्रवार (23 जून) को बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की एकजुटता को लेकर बैठक सम्पन्न हुई । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई इस विपक्षी दलों की इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, एनसीपी चीफ शरद पवार, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, उमर अब्दुल्ला समेत कई दिग्गज शामिल हुए थे।
मिले सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में आप पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के अध्यादेश का मसला उठाया तो जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने नाराज़गी जताते हुए उनको पलटकर कहा कि कश्मीर में 370 के मुद्दे पर आपने हमारा साथ क्यों नहीं दिया था ? जानकारों के अनुसार, इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अरविंद केजरीवाल को पिछले 2 दिनों के उनकी पार्टी के नेताओं के सारे बयान पढ़कर बताए और कहा कि ये सब आप लोग केवल प्रवोक करने के लिए कर रहे हो जबकि इसकी जरूरत ही क्या है ?
वही सूत्रों की माने तो केंद्र सरकार के अध्यादेश के मुद्दे पर जम कर विपक्षी दलों की इस बैठक में हुआ विवाद।
साफ तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम विपक्षी एकता के लिए इकट्ठा हुए हैं, ये तो इस बैठक का मसला ही नहीं है। उन्होंने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि ये तो संसद का मसला है,जिस पर संसद में हम चर्चा करके तय कर लेंगे। वहीं इस दौरान पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने भी अरविंद केजरीवाल को टोकते हुए कहा कि ये तो इस बैठक का मुद्दा ही नहीं है । तो फिर अरविंद केजरीवाल इस मसले को यहां क्यों उठा रहे हैं ?
बैठक समाप्त होने के बाद विपक्षी दलों की प्रेसवार्ता में नहीं दिखाई दिए सीएम अरविंद केजरीवाल ।
जैसे ही विपक्षी दलों की बैठक खत्म हुई और इसके बाद विपक्षी दलों ने मिल कर प्रेसवार्ता भी की जिसमें आम आदमी पार्टी गायब दिखी । जिसके बाद आप पार्टी ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर केंद्र के अध्यादेश को एक काला अध्यादेश बताते हुए एक बयान भी जारी किया ।
आप पार्टी का कहना था कि पटना में बैठक में भाग लेने वाले दलों में से 12 दलों का राज्यसभा में प्रतिनिधित्व है और कांग्रेस को छोड़कर अन्य सभी ने केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ स्पष्ट रूप से अपना रुख व्यक्त कर चुके है और घोषणा की है कि वे इसका राज्यसभा में विरोध करेंगे। कांग्रेस ने अभी तक इस काले अध्यादेश पर आम आदमी पार्टी के साथ अपनी स्थिति सार्वजनिक नहीं की है।
Source: PTI