राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि उत्तराखण्ड में वर्तमान चालीस हजार एनसीसी कैडेट्स की संख्या को सत्तर हजार तक किए जाने कि जरूरत है। राज्य के स्कूलों और कॉलेजों में ज्यादा से ज्यादा छात्रों विशेषकर बालिकाओं को एनसीसी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने मंगलवार को राजभवन में गणतंत्र दिवस के अवसर पर आरडीसी दिल्ली में प्रतिभाग करने वाले एनसीसी कैडेट्स को सम्मानित किया। कैडेटस को तीसरा स्थान प्राप्त करने पर बधाई देते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर आरडीसी कैम्प और राजपथ पर प्रतिभाग करना बड़े सम्मान और गौरव की बात है। आपको कोशिश करनी है कि अगली बार आप प्रथम स्थान पर रहे। आपने जो भी सबक सीखे हैं उन्हें याद रखें तथा अपनी कमियों में सुधार करें। मुझे विश्वास है कि आपने एनसीसी के दौरान जो अनुभव प्राप्त किए है, आप अपने परिवार, समाज और दोस्तों से साझा करेंगे।
कैडेट्स को संबोधित करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि देशभक्ति से बड़ी कोई भक्ति नही है। देशप्रेम से बढ़कर कोई प्रेम नही है। ना ही देशसेवा से बढ़कर कोई सेवा है। जय हिन्द, तिरंगा और राष्ट्र सर्वोपरि युवाओं का एकमात्र ध्येय होना चाहिए। युवा जीवन में जिस क्षेत्र में भी जाए देशहित और देशसेवा को अपने हर काम, फैसले, सोच-विचार और कोशिश में सबसे ऊपर स्थान दे। देश का आज और कल आपकी काबिलियत, क्षमता, दृढ़ निश्चय और निष्ठा पर निर्भर है। युवा देश की ताकत है। कोशिश होनी चाहिए कि यह ताकत देश के विकास, खुशहाली तथा देश को मजबूत व सुरक्षित करने में लगे। यह ताकत भारत को दुनिया का सबसे ज्ञानवान, समृद्ध और खुशहाल राष्ट्र बनाने में लगे। राज्यपाल ने कहा कि उम्मीद है कि आज दुनिया ने हम पर जो भरोसा दिखाया है, हमारे नौजवान उस भरोसे पर खरे उतरेंगे। आज पूरी दुनिया हमें बढ़ी उम्मीदों से देख रही है। हमारी युवा शक्ति उन उम्मीदों को अपनी काबिलियत, मेहनत और ईमानदारी से जरूर पूरा करेगी।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि मुझे यहाँ पर सबसे ज्यादा खुशी एनसीसी में बालिका कैडेट्स को देखकर हो रही है। आज भारत की बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नही हैं। वह हर मोर्चे पर डटकर खड़ी है और सफलता के परचम लहरा रही हैं। खुशी होती है यह देखकर कि हमारी बेटियां देश की सरहदों की रक्षा में भी सबसे आगे हैं। सैनिक स्कूलों, एनडीए के दरवाजे बालिकाओं के लिये खुल चुके हैं। बालिकाओं ने समाज की सोच को बदल डाला है। वह बदलाव की शक्ति बन गई हैं। मैं चाहता हूँ कि उत्तराखण्ड की अधिक से अधिक बेटियां एनसीसी, एनडीए और सैनिक सेवाओं में आए। देश को उनकी काबिलियत की जरूरत है।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने कहा कि एनसीसी कैडेट्स की एक विशेषता है कि वह जिन्दगी के जिस भी क्षेत्र में जाए, कामयाबी हासिल करते हैं। अपने अनुशासन और ट्रेनिंग के बल पर कैडेट्स जीवन की हर चुनौती का सामना सफलतापूर्वक करते हैं। वह सेवा और मदद के काम में सबसे आगे होते हैं।
इस अवसर पर राज्य की प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, एडीजी एनसीसी, कॉंटिजेंट कमाण्डर एनसीसी निदेशालय उत्तराखण्ड ले क थापा, अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं अपना घर अनाथालय के बच्चे उपस्थित थे।