देहरादून :
उत्तराखंड में एक बार फिर शासन स्तर पर अधिकारियों की मनमानी का मामला सामने आया है। दरअलस खाद्य पूर्ति विभाग में अफसर शाही का दबदबा चर्चा का विषय बन हुआ है। विभाग के खाद्य आयुक्त द्वारा 6 जिला पूर्ति अधिकारियों के तबादले का आदेश बिना मंत्री की सहमति के जारी कर दिए गए । जिसके खाद्य पूर्ति मंत्री रेखा आर्या के संज्ञान आते ही उक्त तबादलों के आदेश को तत्काल निरस्त करने के निर्देश जारी कर दिये गए। जारी पत्र में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने निर्देश पत्र में कहा कि जिला पूर्ति अधिकारियों के स्थानांतरण व तैनाती विषयक मेरे आदेश के बिना अधोहस्ताक्षरी से अनुमोदन कर जारी किया गया है, जिसे तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है।
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वहीं पूरे इस मामले से उठे सवालो ने विभाग की तो किरकिरी करी है कि साथ ही अपर आयुक्त की भूमिका पर भी सवाल उठ खड़े हो गए हैं। वही तिलमिलाई विभागीय मंत्री रेखा आर्या ने तुरंत मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जताई है , साथ ही कहा है की खाद्य आयुक्त सचिन क़ुर्बे पर शासन द्वारा सख्त कार्यवाही की जाए।
मंत्री रेखा आर्य द्वारा मुख्य सचिव को पत्र :
पूरा विवरण:
खाद्य ,नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले की मंत्री रेखा आर्या ने खाद्य आयुक्त सचिन क़ुर्बे द्वारा नैनीताल जिले के जिला पूर्ति अधिकारी मनोज बर्मन को अनिवार्य रूप से अवकाश पर भेजे जाने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है जिसे लेकर मंत्री ने खाद्य आयुक्त को पत्र लिखकर कहा कि उक्त विषय को मेरे संज्ञान में लाये बिना आयुक्त खाद्य द्वारा की गई कार्यवाही को तत्काल निरस्त किया जाता है । यह कारवाही बेहद ही खेदजनक और रूल्स ऑफ बिजनेस का घोर उल्लंघन है।
मंत्री ने कहा कि विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बिना इस तरह की कार्यवाही का किया जाना मनमानी एवं एकाधिकार प्रतीत है। मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि खाद्य आयुक्त की इस कार्यवाही को बिल्कुल भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है ।
वहीं दूसरी और खाद्य आयुक्त को मंत्री रेखा आर्य द्वारा दिये गए निर्देशों के बाबजूद भी आयुक्त खाद्य सचिन कुर्वे ने उक्त कारवाही पर कोई अमल नहीं किया बल्कि उनके जरिये राज्य के 6 जिलों के जिला पूर्ति अधिकारियों के स्थानांतरण के आदेश जारी कर दिए गए ।
खाद्य आयुक्त सचिन क़ुर्बे के द्वारा की गई इस प्रकार की कार्यवाही पर मंत्री रेखा आर्या ने कड़ी नाराजगी वक्त करते हुए खाद्य आयुक्त को पत्र जारी कर जवाब देने को कहा है ।
माननीया खाद्य मंत्री महोदया जी ने सचिन क़ुर्बे को लिखे अपने पत्र में कहा कि आपके द्वारा जिलापूर्ति अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती के आदेश शासन व विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बिना जारी किए गए हैं अतः इन स्थानातरण को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है ।
बताते चलें कि खाद्य आयुक्त सचिन क़ुर्बे द्वारा बीते 20 जून को खाद्य मंत्री रेखा आर्या को बिना बताए नैनीताल जिले के जिला पूर्ति अधिकारी मनोज बर्मन को अनिवार्य रुप से अवकाश पर भेजे जाने का आदेश जारी कर दिया गया था जिसपर माननीया मंत्री महोदया ने कड़ी नाराजगी वक्त करते हुए खाद्य आयुक्त द्वारा की गई इस तरह की कार्यवाही को बेहद ही खेदजनक बताया ,साथ ही खाद्य आयुक्त को स्पस्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया किंतु खाद्य आयुक्त सचिन क़ुर्बे ने स्पस्टीकरण ना देते हुए 6 जिलों के जिला पूर्ति अधिकारियों के स्थानांतरण कर दिए ।
माननीया खाद्य मंत्री रेखा आर्या ने उक्त विषय को बेहद गंभीरता के साथ लेते हुए मुख्य सचिव को पत्र जारी किया । अपने पत्र में मंत्री महोदया ने कहा कि उनके द्वारा खाद्य आयुक्त को पत्र जारी कर नैनीताल जिले के जिला पूर्ति अधिकारी को उनके दायित्व दिए जाने की बात कही गई थी लेकिन खाद्य आयुक्त सचिन क़ुर्बे ने उनके आदेशो का अनुपालन अभी तक नही किया है जो कि विभागीय मंत्री के अधिकार क्षेत्र के अतिक्रमण होने के साथ रूल ऑफ बिजनेस का भी उल्लंघन है । बल्कि इससे इतर खाद्य आयुक्त द्वारा अन्य 06 जिलापूर्ति अधिकारीयों के स्थानंनातरण आदेश जारी करना उनकी कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह है! अतः मंत्री रेखा आर्य ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा कि खाद्य आयुक्त सचिन क़ुर्बे द्वारा किये गए इस तरह की कृत्य का तत्काल संज्ञान लेने के साथ सख्त कार्यवाही की जाए।