नई दिल्ली :
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में आने वाले समय में कभी भी विधानसभा चुनाव करवाए जाएंगे सकते हैं । जम्मू-कश्मीर में वोटर लिस्ट को अपडेट करने का काम पूरा किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्र सरकार के वकील ने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाएगा। लेकिन ऐसा कब होगा, यह अभी नहीं बताया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के तेरहवें (13) दिन आज केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति में हुए सुधार पर बेंच के आगे कई आंकड़े कोर्ट में रखे। ज़्यादातर आंकड़े 5 अगस्त 2019 (आर्टिकल 370 हटने की तारीख) से 2022 (पिछले साल) तक आए बदलाव को लेकर थे।
जिसमें:-
1.राज्य में आतंकवादी घटनाओं में 45.2% कमी आई है।
2. घुसपैठ 90.2% घट गया है।
3.कानून-व्यवस्था बिगड़ने की घटनाओं में 97.2% गिरावट आई है।
4.सुरक्षाकर्मियों की मृत्यु या घायल होने की घटनाओं में 65.9% कमी हुई है।
5. 2018 में पत्थरबाजी की 1767 घटनाएं हुई थीं, लेकिन 2019 के बाद से अब तक एक भी ऐसी घटना नहीं हुई है।
इसके अलावा केंद्र सरकार ने 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में निवेश और पर्यटन बढ़ने की जानकारी भी कोर्ट को दी है ।
केंद्र सरकार की तरफ से औद्योगिक विकास के लिए 28,400 करोड़ रुपए का निवेश होने जा रहा है. निजी क्षेत्र की कंपनियों ने भी 78,000 करोड़ रुपए निवेश का प्रस्ताव दिया है। 2022-23 में अब तक हुआ वास्तविक निवेश 2,153 करोड़ रुपए है।
प्राइम मिनिस्टर डेवलपमेंट पैकेज के माध्यम से 53 परियोजनाओं के लिए 58,477 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
2022 में जम्मू-कश्मीर में 1.88 करोड़ पर्यटक आए। 2023 में अभी तक 1 करोड़ पर्यटक आ चुके हैं।
सरकार ने यह भी बताया है कि जम्मू कश्मीर में सरकारी कामों में पारदर्शिता बढ़ गई है। इसके चलते 2022-23 में 92,560 करोड़ के ई-टेंडर हुए हैं, जबकि 2018-19 में सिर्फ 9,229 करोड़ रुपए के ई-टेंडर हुए थे।