*सम्पूर्ण शिक्षा सहित टीबी, नशा, गरीबी और भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड पर हो फोकस*
देहरादून :
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी मसूरी में आयोजित सशक्त उत्तराखंड/2025 चिंतन शिविर के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चिंतन शिविर में जो मंथन हुआ, उसके लाभ राज्य को अवश्य मिलेगा और वर्ष 2025 तक उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में शुमार होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास के लिये अधिकारियों द्वारा जो रोड़ मैप बनाया जा रहा है, निश्चित तौर पर यह राज्य की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा। चिंतन शिविर में कैबिनेट मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने विभागवार चिंतन शिविर आयोजित करने पर बल दिया। उन्होंने वर्ष 2025 तक 5 संकल्पों पर काम करने की बात कही, जिसमें सम्पूर्ण शिक्षा, भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड, क्षय रोग मुक्त उत्तराखंड, गरीबी एवं नशा मुक्त उत्तराखंड शामिल है।
गुरूवार को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में सशक्त उत्तराखण्ड / 2025 चितंन शिविर के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चिंतन शिविर में रखे गये महत्वपूर्ण सुझावों को कैबिनेट में भी लाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सरलीकरण, समाधान और निस्तारण के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए गांवों का विकास जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों में जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को चौपाल लगाकर जन समस्याएं सुननी होंगी, ताकि उन समस्याओं का शीघ्रता से समाधान हो। चिंतन शिविर को सम्बोधित करते हुये *कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत* ने कहा कि 2025 को लेकर जो ये चिंतन शिविर हुआ है, राज्य को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के चिंतन शिविर विभागवार भी होना चाहिए, ताकि विभागवार विकास का रोडमैप तैयार हो सके। डॉ0 रावत ने कहा कि जिलाधिकारियों को और अधिक अधिकार दिये जाने चाहिये और अच्छे कार्य करने वाले अधिकारियों को सराहना होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 2025 तक हमें 5 संकल्प पर कार्य करना होगा। सम्पूर्ण शिक्षा, भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड, क्षय रोग मुक्त उत्तराखंड, गरीबी एवं नशा मुक्त उत्तराखंड के संकल्प को पूरा करना होगा। डॉ0 रावत ने बताया कि अगर दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ काम किया जाय तो हर मुकाम हासिल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू करने में उत्तराखंड ने जो दृढ़ता दिखाई वह अन्य राज्यों के लिये अनुकरणीय है, इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान में उत्तराखंड की सक्रिय भागीदारी को राज्य की इच्छाशक्ति का अनुपम उदाहरण बताया। चिंतन शिविर में कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल, श्री प्रेमचंद अग्रवाल, सतपाल महाराज, गणेश जोशी, रेखा आर्या, चंदन राम दास, सौरभ बहुगुणा ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।