देहरादून :
उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) द्वारा आज दिनांक 08 सितम्बर 2022 को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी अध्यापक सम्मेलन का आयोजन देहरादून स्थित आई0आर0डी0टी0 सभागार में किया गया। कार्यक्रम में यूसर्क की निदेशक प्रो0 (डा0) अनीता रावत ने अपने संबोधन में कहा कि यूसर्क द्वारा राज्य के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिये विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियां पूरे प्रदेश में लगातार विभिन्न शिक्षण एवं शोध संस्थानों के साथ मिलकर सम्पादित की जा रही हैं। इसी क्रम में यूसर्क द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में विज्ञान शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, प्रौद्योगिकी, नवाचार तथा सामाजिक अन्वेषण के क्षेत्र में विशिष्ट एवं अनुकरणीय कार्य करने वाले उत्तराखण्ड राज्य के शिक्षकों को द्वितीय ‘उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान’ 2022-23 से सम्मानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परम्परागत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के समागम से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक चेतना एवं सतत् विकास से सम्बन्धित विषयों को शिक्षकों द्वारा प्रदान किया जा रहा है। शिक्षक किसी भी समाज के लिये हमेशा आदर्श रहा है तथा समाज उनका अनुसरण करता है। इसी कड़ी में यूसर्क द्वारा विगत दो वर्षों से ‘उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान’ प्रारंभ किया गया है। प्रो0 अनीता रावत ने कहा कि छात्रों में विज्ञान का अंकुरण बाल्यकाल से दी प्रस्फुटित और पल्लवित हों और इस विद्या के प्रसारण एवं उत्कृष्टता में यूसर्क सहयोगी और मार्गदर्शक की भूमिका में अग्रसर है। शिक्षकों का चिंतन कौशल एवं सृजनात्मकता छात्रों में नवाचार, क्षमतावृद्धि और उद्यमिता विकास में सहायक होंगे। इसी विचारधारा के अन्तर्गत यूसर्क द्वारा विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में बोलते हुये महिला एवं बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा0 गीता खन्ना ने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों को शिक्षण कार्य के साथ-साथ समाज को एवं देश को दिशा प्रदान करने का कार्य करते है। उन्होंने कहा कि देश में कोविड काल में शिक्षकों ने तकनीकी का प्रयोग करते हुये विद्यार्थियों का बहुत सुन्दर मार्गदर्शन किया। शिक्षकों का सम्मान उन्हें और अधिक कार्य करने की प्रेरणा देने का कार्य करता है।
उद्योगपति एवं शिक्षाविद् ई0 राकेश ओबराॅय ने कहा आज डिजिटल युग में बहुत सारा ज्ञान तकनीकी द्वारा उपलब्ध है लेकिन शिक्षकों की भूमिका आज भी बहुत महत्वपूर्ण है। शिक्षक किसी भी विद्यार्थी के लिये हमेशा एक आदर्श के रूप में रहता है। अतः शिक्षकों की भूमिका और अधिक बढ़ जाती है।
कार्यक्रम में बोलते हुये हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर के पर्यावरण विज्ञान विभाग के भूतपूर्व विभागाध्यक्ष प्रो0 आर0सी0 शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि सम्मानित किये गये शिक्षकों का समाज के प्रति योगदान यद्यपि अनुकरणीय तो है ही लेकिन उनका दायित्व समाज और देश के प्रति और अधिक बढ़ जाता है।
उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो0 वी0के0 सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि आज सतत विकास की अवधारणा को विज्ञान एवं तकनीकी के नवीन आयामों के साथ आगे बढ़ाते हुये हमें कौशल विकास को भी साथ में लेकर चलना होगा। स्पैक्स संस्था के सचिव एवं वैज्ञानिक डा0 बृजमोहन शर्मा ने कहा कि स्किल डवलपमेंट तथा स्वरोजगार की अवधारणा पर कार्य करने के साथ-साथ जीवन की गुणवत्ता को भी सुधारने के लिये ध्यान देने की आवश्यकता है।
आज के कार्यक्रम में यूसर्क द्वारा निम्न शिक्षकों को पांच श्रेणियों में द्वितीय विज्ञान शिक्षा प्रसार सम्मान 2022-23 से सम्मानित किया गया-
1. पर्यावरण संरक्षण श्रेणी:
तारा दत्त जोशी रा0इ0का0-हरीपुरा हरसान, बाजपुर ऊधमसिंह नगर
दिनेश सिह रावत रा0प्रा0वि0-4 ज्वालापुर बहादराबाद, हरिद्वार।
2. विज्ञान शिक्षा श्रेणी:
लोकेन्द्रपाल सिंह परमार राज0 आदर्श कीर्ति इ0का0 भटवाड़ी, उत्तरकाशी
निर्मल कुमार न्योलिया राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, खटीमा ऊधमसिंह नगर
3. सामाजिक अन्वेषण श्रेणी:
मीना डोभाल रा0इ0का0 नागराजाधार, चिलेड़ी, टिहरी गढ़वाल
सविता प्रभाकर अ0उ0रा0आ0इ0का0, रेड़ीखाल, सिद्धखाल, पौड़ी गढ़वाल
4. प्रौद्योगिकी श्रेणी:
डा0 प्रभाकर जोशी रा0इ0का0 स्यालीधार, अल्मोड़ा, उत्तराखण्ड
नीरज जोशी रा0उ0मा0वि0 पाभै, बिण, पिथौरागढ़
5. नवाचार श्रेणी:
चन्द्र भूषण बिजल्वाण रा0आ0उ0प्रा0वि0 पुजेली, उत्तरकाशी
सुरेश लाल शाह रा0उ0प्रा0वि0, चन्देली, पुरोला, उत्तरकाशी
कार्यक्रम का संचाल डा0 ओम प्रकाश नौटियाल द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन डा0 मन्जू सुन्दरियाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न शिक्षण संस्थानों की शिक्षिकाओं, शिक्षकों, विद्यार्थियों सहित 250 से अधिक लोगों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डा0 भवतोष शर्मा, डा0 राजेन्द्र राणा, ई0 उमेश चन्द्र, ओम जोशी, राजदीप जंग, हरीश प्रसाद ममगांई, शिवानी पोखरियाल, राजीव बहुगुणा, रमेश रावत आदि ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।