उत्तराखंड की राज्यसभा सीट पर होने वाले चुनाव में भाजपा में प्रत्याशी के चयन के लिए पुरजोर तैयारी शुरू हो गई है । राज्यसभा सीट पर होने वाले चुनाव के लिए भाजपा ने अपने पैनल में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम शामिल करने के संकेत दिए हैं । मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का अभी भाजपा संगठन में कोई दायित्व नहीं है । वही सियासी गलियारों में उन्हें केंद्र में जगह देने की बातें होती रही है। भाजपा संगठन स्तर पर राज्यसभा के प्रत्याशी के चयन के लिए छह नामों का पैनल तैयार करने की कवायद भाजपा में शुरू हो गई है । वही जानकारों का मानना है कि आने वाले कुछ समय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश अध्यक्ष मदन सिंह कौशिक के राज्यसभा सांसद के नाम पर आपसी मंत्रणा में छह नाम तय कर पैनल में भेजेंगे भेजेंगे । पैनल में अपनी सुझाव के बाद तीन नाम पुरुष और तीन महिला नेता उम्मीदवारों के होंगे जो राजनीतिक रूप में सक्रिय रहे हैं।
वही राजनीतिक गलियारों में अन्य राज्य से उम्मीदवार बनाये जाने की चर्चाएं गर्म है। परंतु भाजपा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की माने तो पैनल में सिर्फ उत्तराखंड के नेताओं के नाम ही भेजने की बात हुई है। पैनल में जिन नमो की सबसे ज्यादा चर्चा है उसमें पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम सबसे ऊपर है ।
वही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी चंपावत सीट से विधायकी छोड़ने वाले पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी का नाम भी चर्चाओं में शामिल है । साथ ही तीसरे नाम पर भाजपा प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार व वरिष्ठ नेता ज्योति प्रसाद गैरोला का नाम भी शामिल हो सकता हैं।
संसदीय बोर्ड ही करेगा प्रत्याशी का नाम तय । प्रदेश भाजपा के अंदर के शूत्र बताते हैं कि महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महासचिव दीप्ति रावत , अनुसूचित जाति आयोग पूर्व सदस्य रह चूंकि स्वराज विद्वान व भाजपा में सक्रिय महिला नेत्री का नाम शामिल हो सकता है। सभी इन नामों में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चर्चा के बाद किसी और के नाम भी शामिल जो सकते हैं। साथ ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि राज्यसभा के पैनल में तीन पुरूष नेता और तीन महिला नेत्रीयों के नाम तय करना है। इस विषय पर एक दो दिन में मुख्यमंत्री धामी के साथ चर्चा होनी है। इस चर्चा में पैनल में चुने गए नाम केंद्रीय संसदीय बोर्ड को भेज दिए जाएंगे जो संसदीय बोर्ड ही प्रत्याशी का नाम ही अंतिम रूप से तय करेगा।