उत्तराखंड 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए 14 फरवरी को मतदाताओं ने अपने साइलेंट मतदान कर भाजपा व कांग्रेस में हलचल मचाई हुई है। उत्तराखंड में अगली सरकार किसकी होगी और कौन बनेगा उत्तराखंड का मुख्यमंत्री इस पर कांग्रेस और भाजपा से जमकर अलग-अलग समीकरण सामने आ रहे हैं। आज रविवार शाम को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दिल्ली से लौटने के बाद तुरंत ही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के घर जाकर उनसे मुलाकात की।
भाजपा के दोनों नेताओं की इस मुलाकात के सियासी गलियारों में कई मायने निकाले जा रहे हैं, वही सूत्रों की माने तो भाजपा के इन दोनों नेताओं के बीच भाजपा के अंदर चल रहे सियासी मुद्दों को लेकर कई प्रकार की चर्चा हुई, चुनाव के बाद भाजपा अपनी फिर से सत्ता में लौटने का दावा कर रही है, तो दूसरी और भाजपा के टिकट से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के कई वीडियो वायरल होने के बाद भितरघात के आरोप से भाजपा को कहीं ना कहीं चुनाव में डैमेज होने का खतरा सता रहा है।
वहीं भाजपा के सूत्रों के हवाले से बात सामने आई है कि प्रत्याशियों के इन बयानों से भाजपा केंद्रीय नेतृत्व भी अब सतर्क हो गया है। भाजपा में ऐसा पहली बार हुआ कि विधायक ने सीधे तौर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर गंभीर आरोप जड़े हो आरोपों के बाद भाजपा हाईकमान ने मुख्यमंत्री धामी ,प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक समेत कई नेताओं को दिल्ली तलब कर पूरे मामले की जानकारी ली। वही अब दूसरी और पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली से लौटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के घर पहुंच कर सियासी हलचल तेज कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कुछ ही दिनों पहले दिल्ली पंहुचे थे जहां उनकी भाजपा केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात हुई और उन्होंने भाजपा प्रत्याशियों द्वारा लगाए गए आरोपों व भितरघात होने का स्पष्टीकरण केंद्रीय नेतृत्व के सामने रखा, आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अचानक पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ मुलाकात ने भाजपा के नेताओ व विपक्षी दलों की धड़कनें बड़ा दी है ।