कर्तव्य निर्वहन के संग अथिति देवो भवः’ का हो भाव: डीजीपी

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देहरादून :

उत्तराखंड में हर वर्ष लाखों पर्यटको का प्रदेश में आगमन होता है जिसमे पर्यटकों की सुरक्षा, यातायात व कानून व्यवस्था संभालने का जिम्मा उत्तराखंड पुलिस के जिम्मे रहता है। इसी क्रम में मई से चारधाम यात्रा से प्रदेश के पर्यटन के आगाज के मद्देनजर उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक द्वारा अपनी पुलिस टीम को पर्यटन के दौरान ड्यूटी में अधिक दक्ष व व्यवहार कुशल बनाने को पुलिस लाईन रेसकोर्स में छः दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित करवाया था जिसके समापन पर मुख्य अथिति के रूप में उपस्थित पुलिस महानिदेशक द्वारा अपनी पुलिस टीम को ड्यूटी के साथ ही पर्यटकों के लिए ‘अथिति देवो भवः’ का भाव रख अपने व्यवहार में शालीनता, विनम्रता बरतने को कहा।

मित्र पुलिस के नाम से विख्यात उत्तराखंड पुलिस को अधिक दक्ष बनाने को पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा पर्यटन पुलिस के लिए 11 अप्रैल से 16 अप्रैल तक छः दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाया गया था जिसमे उत्तराखंड पुलिस ,पर्यटन, वन विभाग आदि के कुशल प्रशिक्षकों द्वारा पर्यटन पुलिस के जवानों को अच्छा आचरण, व्यवहार, शिष्टाचार, पर्यटन संबंधी व्यवस्थाओं के बारे में बताते हुए अतिथि देवो भवः भाव से पर्यटकों के साथ विनम्र, शालीन व्यवहार संवाद एवं दक्षता पूर्वक कर्तव्यों का निर्वहन करने का प्रशिक्षण दिया गया था। इस कार्यक्रम में गढ़वाल परिक्षेत्र के समस्त जनपदों से कुल 89 उप निरीक्षक तथा आरक्षियों ने प्रतिभाग किया।

समापन कार्यक्रम में उपस्थित पुलिस महानिदेशक ने कहा कि चारधाम यात्रा का प्रदेश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। बाहरी प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालु एवं पर्यटक यहां पर आकर जो अपने साथ अनुभव लेकर जांएगे उसमें आप सभी की अहम भूमिका होने जा रही है। हमारा प्रयास रहेगा कि जितने भी तीर्थयात्री आ रहे हैं उन्हें किसी भी प्रकार के ट्रैफिक जाम या आपदा में न फसना पड़े। वे सकुशल अपने यात्रा करके अपने गंतव्यों को जाएं। पर्यटन पुलिस का गठन इस उद्देश्य से किया गया है कि वे पर्यटकों अधिक से अधिक मदद कर सकें। आपको अपने तैनाती स्थल से सम्बन्धित समस्त जानकारी एवं पर्यटन स्थलों के सम्बन्ध में जानकारी होने के साथ-साथ अनुशासित होकर पर्यटकों के साथ मृदुल भाषी व विनम्र व्यवहार करना है।उन्होंने कहा कि सभी पुलिसकर्मियों को फर्स्ट एड बॉक्स दिया जाएगा जिसमे आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल को जीवन रक्षक दवाईयां होंगी। अंत मे उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों को ड्यूटी में ‘अथिति देवो भवः का भाव रखते हुए कर्तव्य निर्वहन करते हुए पर्यटकों की सहायता कर उत्तराखंड पुलिस का नाम रोशन करने की शुभकामनाएं दी।

 

*यह रहे प्रशिक्षक:-*
1. अर्पण यदुवंशी ( सेनानायक एस0डी0आर0एफ0)-
एस0डी0आर0एफ0 के परिचय व कार्य प्रणाली।
2.अक्षय कोण्डे (पुलिस अधीक्षक यातायात देहरादून) व उनकी टीम -यातायात प्रबन्ध , डायवर्जन प्लान , पार्किग व्यवस्था,आधुनिक टैक्नोलाँजी के प्रयोग व सोशल मीडिया प्रबन्धन।
3.पूनम चंद (अपर निदेशक उत्तराखण्ड पर्यटन विकास बोर्ड)- उत्तराखण्ड पर्यटन।
4.पी0के0 पात्रो (मुख्य वन सरंक्षक उत्तराखण्ड)-जगंल सफारी।
5.विजय राणा (ए0टी0ओ0 पर्यटन विभाग)-चारधाम यात्रा।
6. कर्नल अश्विनी पुण्डीर (अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उत्तराखण्ड पर्यटन विकास बोर्ड)-राफटिंग , पैराग्लाइडिंग के दौरान सावधानी /सुरक्षा उपाय।
7.जगदीप खन्ना (प्रधानाचर्य आई0एच0एम0 देहरादून)-सॉफ्ट स्किल ट्रेनिंग।
8.सुनिल पन्त ( प्रशिक्षक आई0एच0एम0 देहरादून )- प्रभावी सवांद व सकारात्मक दृष्टिकोण।
9.निरीक्षक विपिन चन्द पाठक (जनपद हरिद्वार)- चारधाम यात्रा के दौरान भीड़ प्रबन्धन।
10.जागेश गर्ग (प्रशिक्षक फ्रेंक्लिन संस्था )-व्यक्तित्व विकास। 11.मुख्य आरक्षी अनूप चदं रमोला (एस0डी0आर0एफ0) व उनकी टीम -आपदा प्रबन्धन में बचाव एंव राहत कार्य व प्राथमिक चिकित्सा।
12.गौतम सिसोदिया व चंद्र सिंह नेगी (योगा प्रशिक्षक)- योगा/प्रणायाम।

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