केदारनाथ घाटी आपदा में सेना ने युद्ध स्तर पर मोर्चा संभाला

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रुद्रप्रयाग: 

एक अभूतपूर्व प्राकृतिक आपदा में, केदारनाथ में भारी वर्षा  के परिणामस्वरूप व्यापक भूस्खलन और मंदाकिनी नदी के जल स्तर में खतरनाक वृद्धि हुई है जिससे केदारनाथ, मुख्य सड़क मार्ग से अलग है।

इस संकट के जवाब में, नागरिक प्रशासन और सेना ने व्यापक और बहुआयामी बचाव अभियान शुरू किया। भारतीय वायु सेना ने इन प्रयासों को दो हेलीकॉप्टर, एक चिनूक और एक एमआई-17, तैनात करके काफी बढ़ावा दिया है ताकि फंसे हुए तीर्थयात्रियों की हवाई निकासी की जा सके, लेकिन वर्तमान में खराब मौसम के कारण इन्हें बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।

भारतीय सेना ने रुद्रप्रयाग और जोशीमठ से प्रभावित क्षेत्रों- सोनप्रयाग और जंगल चट्टी में बचाव अभियान के लिए तेजी से अपने बलों को जुटाया है। सेना की टुकड़ी के साथ युद्ध इंजीनियर भी शामिल हैं, जिनका  उपयोग कटे हुए क्षेत्रों में पुल बनाने के लिए किया जा रहा है। तीर्थयात्रियों को सुरक्षित चलने के लिए तीन से चार ऐसे पुल बनाने की योजना बनाई जा रही है ताकि प्रभावित हुए लोगों को निकाला जा सके। इंजीनियरों के अलावा, नवीनतम ड्रोंस का उपयोग कठिन क्षेत्रों में सर्च  के लिए किया जा रहा है ताकि फंसे हुए लोगों का पता लगाया जा सके। विशेष बचाव कुत्तों को भी इस अभियान में फंसे हुए लोगों की तलाश में लगाया गया है। एक विशेष चिकित्सा टीम ओर भोजन वितरण कैम्प भी तैनात किया गया है ताकि निकाले गए तीर्थयात्रियों को आवश्यक चिकित्सा एवं सहायता प्रदान की जा सके।

नागरिक प्रशासन और भारतीय सेना के संयुक्त प्रयास इस संकट के प्रति एक एकीकृत और मजबूत प्रतिक्रिया को उजागर करते हैं। बचाव अभियान लगातार जारी है और ध्यान, सभी प्रभावित तीर्थयात्रियों की सुरक्षा और समय पर निकासी सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।

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