नई दिल्ली :
सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत मिली है। आज सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है। इस आदेश के बाद से कांग्रेस पार्टी में खुशी की लहर है। कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया है, कांग्रेस के नेता इसे नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत बता रही है।
वही कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपने एक बयान में कहा कि , “आज का दिन खुशी का दिन है। लोकसभा स्पीकर को आज ही पत्र लिखूंगा । हमारे सदन में हमारे संविधान में लिखा है, सत्यमेव जयते , आज साबित हुआ है की राहुल गांधी पर साजिश नाकामयाब हुई है । राहुल के लिए आज सुबह ही हमने प्रार्थना की थी। ये जीत सत्य की जीत है और अब राहुल गांधी रुकने वाले नहीं हैं। संसद परिसर में हर जगह आपको ‘सत्यमेव जयते’ दिखेगा। राहुल गांधी के खिलाफ साजिश आज नाकाम हो गई है, राहुल गांधी की जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भारी पड़ेगी ।
Supreme Court stays conviction of Rahul Gandhi in 'Modi' surname case
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— ANI Digital (@ani_digital) August 4, 2023
वही कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि “माननीय उच्चतम न्यायालय को न्यायपूर्ण फैसला देने के लिए धन्यवाद. सत्यमेव जयते “
‘यह सच्चाई और न्याय की जीत’
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, “राहुल गांधी पर मानहानि के मुकदमे में सजा पर रोक का सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागतयोग्य है. यह सच्चाई और न्याय की जीत है.”
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “अंधकार चाहे भारी हो और समंदर पार हो, सदा उजाला विजित हुआ है, अगर सत्य आधार हो. राहुल गांधी जी की सजा पर रोक का सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का भारत स्वागत करता है. सत्यमेव जयते! यह INDIA की जीत है”
सुप्रीम कोर्ट की ओर से ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाने के बाद AICC कार्यालय में जश्न मनाया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में क्या कहा
मोदी सरनेम टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि निचली अदालत के न्यायाधीश की ओर से अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है। अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है. सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं। इससे न केवल राहुल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ।