अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन को अपने वर्चुअल संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि , ”आज हम एक और बदलाव देख रहे हैं. पहले अगर सदन के किसी सदस्य पर भ्रष्टाचार का आरोप लगता था तो सभी उससे दूरी बना लेते थे. लेकिन आज हम देखते हैं कि न्यायालय द्वारा दोषी पाए गए भ्रष्ट लोगों को भी सार्वजनिक रूप से महिमामंडित किया जाता है… यह कार्यपालिका का अपमान है। यह न्यायपालिका का अपमान है। यह भारत के महान संविधान का भी अपमान है। चर्चा और ठोस सुझाव इस विषय पर इस सम्मेलन में भविष्य के लिए नई राह का मार्ग प्रशस्त होगा।
#WATCH | In his virtual address to the All India Presiding Officers’ Conference, Prime Minister Narendra Modi says, "Today we are witnessing one more change. Earlier if any member of the House was accused of corruption, everyone used to distance themselves from him. But today we… pic.twitter.com/aVUNkcB763
— ANI (@ANI) January 27, 2024
साथ ही अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन को अपने वर्चुअल संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ये भी कहा कि ”मुझे बताया गया है कि इस बार चर्चा का मुख्य विषय विधान मंडलों की कार्य संस्कृति और उनकी प्रभावकारिता सुनिश्चित करने के कदमों के बारे में होगा.” समितियों की दक्षता। आज जिस प्रकार देश की जनता जागरूकता के साथ प्रत्येक जन-प्रतिनिधि को परख रही है, उसका विश्लेषण कर रही है, ऐसे में ऐसी समीक्षाएँ और चर्चाएँ बहुत उपयोगी सिद्ध होंगी।”
”पिछले साल ही संसद ने ‘नारीशक्ति वंदन कानून’ को मंजूरी दी है. इस सम्मेलन में ऐसे सुझावों पर भी चर्चा होनी चाहिए, जिससे प्रयास बढ़ेंगे और महिला सशक्तिकरण का प्रतिनिधित्व।