गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना और मंत्रोच्चार किया गया। पुजारियों द्वारा पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए मां गंगा की पूजा संपन्न करवाई गई, जिसके बाद गंगोत्री मां की डोली भव्य शोभायात्रा के साथ मुखबा के लिए रवाना हुई । इस धार्मिक यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और साधु-संतों ने भाग लिया। गंगोत्री मां की डोली को मुखबा गांव की ओर ले जाया गया, जो सर्दियों में उनकी गद्दीस्थली मानी जाती है। इस यात्रा के दौरान भक्तजन मां गंगा के जयकारों के साथ उत्साह और भक्ति से सराबोर नजर आए।
गंगोत्री धाम उत्तराखंड के चार धामों में से एक है, और इसे हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यहाँ हर वर्ष देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु माँ गंगा के दर्शन के लिए आते हैं।
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