चम्पावत:
बैम्बू नर्सरी ग्रामीण आजीविका में महिला उद्यमियों को स्वरोजगार के लिये एक नया अवसर प्रदान करेगाः प्रो0 दुर्गेश पंत
उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकाॅस्ट), देहरादून के द्वारा चम्पावत में महिला उद्यमियों के लिए आयोजित बैम्बू नर्सरी डेवलपमेंट एण्ड मैनेजमेंट प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत आज द्वितीय दिवस को वनलेख स्थित वन विभाग की नर्सरी में नर्सरी को विकसित करने और प्रबंधन करने के बारे में प्रशिक्षित किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रो0 दुर्गेश पंत, महानिदेशक, यूकाॅस्ट ने अपने संदेश में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में नर्सरी विकसित करने और उसके प्रबंधन की बारिकियों के बारे में विशेषज्ञों से जानकारी प्राप्त करने के लिए कहा। उन्होने कहा कि यूकाॅस्ट भविष्य में भी वन विभाग के साथ मिलकर नर्सरी विकसित करने के लिए महिला उद्यमियों को तकनीकी सहयोग देने के साथ जरूरी सामग्री भी उपलब्ध करवायेगा, जिससे वो अपनी बंजर भूमि में नर्सरी विकसित कर सके।
डाॅ0 कपिल जोशी जी द्वारा सभी प्रतिभागियों का इस प्रशिक्षण कार्यक्रम मैं प्रतिभाग करने के लिए धन्यवाद किया गया तथा कहा गया कि भविष्य मैं जो भी महिलाये बांस की नर्सरी बनाने के लिए इच्छा रखती है, यूकाॅस्ट एवं वन विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से उनका उनका पंजीकरण किया जायेगा।
साथ ही उन्हें आवश्यक साधन दिए जाएंगे तथा वन विभाग द्वारा बाइबैक के लिए इसका प्रारूप तैयार किया जायेगा। साथ ही वन विभाग के सहयोग के लिए प्रो0 दुर्गेश पंत, महानिदेशक, यूकाॅस्ट की ओर से डाॅ0 जोशी के द्वारा विशेष धन्यवाद दिया गया तथा ये अनुरोध किया गया कि भविष्य मैं भी वन विभाग यूकाॅस्ट के महिला उद्यमियों की आजीविका बढ़ाने वाले कार्यक्रमों मैं सहयोग करेंगा।
श्रीमती प्राझीका बिष्ट, विशेषज्ञ, हिमालयन वूमेन स्वायत्त सहकारी समिति ने प्रतिभागियों को नर्सरी विकसित करने एवं उसके प्रबंधन के बारे में जानकारी दी गयी, साथ ही उनके द्वारा महिलाओं को रिंगाल के उत्पाद के बारे जानकारी दी गयी।
वन विभाग के डिप्टी रेंजर श्री चतुर महर के द्वारा महिला उद्यमियों को बैम्बू नर्सरी को विकसित करने, पालीथीन के माध्यम से पौध तैयार करने और उसकी शिफ्टिंग के बारे में जानकारी दी गयी। साथ ही उनके द्वारा महिलाओं को बंजर भूमि में नर्सरी की बेड तैयार करने के बारे में भी जानकारी दी गयी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान यूकाॅस्ट से डाॅ0 विपिन सती, श्री देवेन्द्र सिंह, संतोष कर्नाटक एवं विभिन्न गाॅवों की 50 से अधिक महिला उद्यमियों के द्वारा प्रतिभाग किया गया।