मधुमक्खी पालन विज्ञान और प्रकृति से जुड़ी टिकाऊ आजीविका का माध्यम है: प्रो.पंत

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चम्पावत: 
विश्व मधुमक्खी दिवस 2025 के अवसर पर उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST) द्वारा वूमेन टेक्नोलॉजी सेंटर, चंपावत में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य मधुमक्खियों के संरक्षण, उनकी जैव विविधता में भूमिका और ग्रामीण आजीविका में उनकी उपयोगिता के प्रति जनजागरूकता फैलाना था। कार्यक्रम का वर्चुअल उद्घाटन यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत द्वारा किया गया। अपने उद्घाटन संबोधन में प्रो. पंत ने मधुमक्खियों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा: “मधुमक्खियां प्रकृति के पोषक चक्र का मूल आधार हैं। वे परागण के माध्यम से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में सहायक हैं। यूकॉस्ट द्वारा चम्पावत जनपद के मधु ग्राम सिप्टी में टेक्नोलॉजी रिसोर्स सेंटर की स्थापना के माध्यम से मधुमक्खी पालन को विज्ञान आधारित आजीविका के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है।”
उन्होंने इस वर्ष की थीम “Bee Inspired by Nature to Nourish Us All” को अत्यंत प्रासंगिक बताया और कहा कि यह हमें प्रकृति से प्रेरणा लेकर सामूहिक पोषण की दिशा में सोचने का संदेश देती है।

कार्यक्रम के दौरान मधुमक्खी पालन विशेषज्ञ श्री हरीश चंद्र जोशी और उनकी टीम के द्वारा शहद उत्पादन की वैज्ञानिक विधियों, मधुमक्खियों की प्रजातियों, बक्सों की संरचना, स्वच्छता, मौसमी देखभाल एवं रोग नियंत्रण आदि विषयों पर व्याख्यान दिया। इसके साथ ही मधुमक्खी पालन से जुड़े उपकरणों का लाइव प्रदर्शन भी किया गया, जिससे प्रतिभागियों को व्यावहारिक जानकारी प्राप्त हुई।

इस अवसर पर चंपावत व आसपास के विभिन्न गांवों से आई महिला उद्यमी, विद्यालय और महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम के समापन पर देवेंद्र सिंह ने सभी अतिथियों, विशेषज्ञों और प्रतिभागियों आयोजकों का आभार व्यक्त किया और भविष्य में ऐसे आयोजन लगातार करते रहने की प्रतिबद्धता जताई।

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