पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र के अथक प्रयासों के चलते 60 साल बाद गुलजार हुई गरतांग गली

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उत्तराखण्ड: पूर्व मुख्यमंत्री पंहुँचे गरतांग गली आपको बता दें कि एक समय में भारत और तिब्बत के बीच का व्यापार मार्ग रही गरतांग गली लगभग 60 साल पहले बंद कर दी गई थी। इसका इतिहास लगभग 300 साल पुराना है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि जब यह विषय मेरे सामने मुख्यमंत्री रहते हुए आया था, तो मुझे लगा कि हमें इस स्थल को विकसित करना चाहिए और हमें इसे आम पर्यटकों के लिए भी खोलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए गरतांग गली की यात्रा बेहद ही रोमांचक होगी। उन्होंने कहा कि जब मेरे संज्ञान में आया कि इसका कार्य पूरा हो चुका है तो मैंने मन बनाया की स्वयं देखना व इसकी यात्रा की जानी चाहिये। पूर्व सीएम ने आइटीबीपी, फॉरेस्ट और सेना के जवानों के साथ गरतांग गली की सीढ़ियां चढ़ी, उन्होंने कहा कि कार्य बेहद ही अच्छा और संतोषजनक किया गया है। त्रिवेन्द्र ने गरतांग गली को पुनर्जीवित करने और इसे नया रूप देने के लिए इसके निर्माण में लगे सभी लोगों को शुभकामनाएं भी दी।

पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारी चिंता होती है कि शीतकालीन पर्यटक उत्तराखंड में नहीं आ रहा है। शीतकालीन पर्यटक की दृष्टि से भी यहां पर “स्नो लेपर्ड पार्क व्यू” स्थापित किया जा रहा है, जो लगभग ₹8 करोड की लागत से बनेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की हमारी सरकार की कोशिश है कि शीतकालीन पर्यटक के साथ ही हाई एंड टूरिस्ट भी देवभूमि उत्तराखण्ड में आए।

उन्होंने कहा कि निश्चितरूप से यह स्नो लेपर्ड पार्क व्यू भी आकर्षण का केंद्र बिंदु बनेगा और उससे एक और जहां हमारे पर्यटक बढ़ेंगे वहीं सैकड़ों स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा साथ ही यहां मौजूद तमाम स्थल भी विकसित होंगे।

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