38वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड की महिला कांस्टेबल ममता खाती और मंजू गोस्वामी ने मॉडर्न पेंटाथलॉन में शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रदेश का नाम रौशन किया है।
अल्मोड़ा पुलिस की महिला जवानों ने अपनी उत्कृष्ट खेल प्रतिभा से उत्तराखंड के खेल जगत में नया इतिहास रच दिया।
मॉडर्न पेंटाथलॉन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
मॉडर्न पेंटाथलॉन की शुरुआत 1912 के स्टॉकहोम ओलंपिक में हुई थी। इसमें पांच अलग-अलग खेल इवेंट्स शामिल होते हैं—स्विमिंग, फेंसिंग, इक्वेस्ट्रियन शो जंपिंग, और लेजर रन (दौड़ और शूटिंग)। यह खेल शारीरिक और मानसिक क्षमता के संतुलन की मांग करता है और दुनियाभर में लोकप्रिय है।
उत्तराखंड में मॉडर्न पेंटाथलॉन की लोकप्रियता
उत्तराखंड में मॉडर्न पेंटाथलॉन धीरे-धीरे लोकप्रिय हो रहा है, खासकर महिलाओं के बीच। राज्य के कठिन भौगोलिक क्षेत्र और युवाओं में साहसिक खेलों के प्रति झुकाव ने इस खेल को बढ़ावा दिया है। अब ममता और मंजू जैसी महिला खिलाड़ियों की सफलता ने इसे और ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है।
ममता खाती की स्वर्ण पदक की हैट्रिक
महिला कांस्टेबल ममता खाती ने नेशनल गेम्स में मॉडर्न पेंटाथलॉन के लेजर रन इंडिविजुअल इवेंट में स्वर्ण पदक जीता। इसके अलावा, उन्होंने सक्षम सिंह के साथ मिक्स्ड रिले टीम इवेंट में भी गोल्ड मेडल जीता। ममता, मोनिका और मंजू की तिकड़ी ने लेजर रन टीम इवेंट में भी स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया, जिससे ममता ने स्वर्ण पदकों की हैट्रिक बनाई।
महिला कांस्टेबल मंजू गोस्वामी ने लेजर रन टीम इवेंट में ममता और मोनिका के साथ गोल्ड मेडल जीता और लेजर रन इंडिविजुअल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया।
ममता और मंजू की इस शानदार सफलता ने यह साबित किया है कि उत्तराखंड की महिलाएं हर क्षेत्र में अपने कौशल और दृढ़ निश्चय से नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं।