देहरादून:
16 जुलाई 2024, को हरेला पर्व के शुभ अवसर पर, उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) में, वन विभाग के साथ मिलकर प्रकृति और संस्कृति को समर्पित हरेला महोत्सव मनाया गया । इस कार्यक्रम में कई गतिविधियां आयोजित की गई, जिसमें पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक विरासत के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर यूकॉस्ट ने टोंस नदी के किनारे स्थानीय लोगों और जल वायु टॉवर सोसाइटी के साथ मिलकर एक वृहद वृक्षारोपण अभियान चलाया। प्रमुख प्रतिभागियों में कमांडर सौगत चट्टोपाध्याय, लेफ्टिनेंट रमेश चंद्र, शिक्षाविद् डा रीमा पंत, पुष्कर सिंह रावत और अन्य सदस्य शामिल थे। परिषद प्रांगण में भी महानिदेशक, प्रो दुर्गेश पंत के मार्गदर्शन में स्कूल के विद्यार्थियों और अन्य प्रतिभागियों द्वारा वृक्षारोपण किया गया । उत्सव की शुरुआत शक्ति, संस्कृति रचनात्मकता और कला के प्रतीक भगवान शिव की भव्य नटराज मूर्ति की स्थापना के साथ हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ । प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता श्री सच्चिदानंद भारती ने हरेला त्योहार के महत्व पर अपने विचार साझा किये । इस अवसर पर रामकृष्ण मिशन के स्वामी स्वरूपानंद जी ने विद्यार्थियों को वर्षभर वृक्षारोपण और प्रकृति संरक्षण हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक श्री शैलेन्द्र जी ने सभी को हरेला की शुभकामनाएँ प्रेषित की और पर्यावरण संरक्षण में वृक्षों के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित प्रेरक कहानियाँ भी साझा की । प्रोफेसर दुर्गेश पंत, महानिदेशक यूकास्ट ने वृक्षारोपण पहल में उनकी भागीदारी और समर्पण के लिए सभी को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम में सेवानिवृत्त कर्नल गिरिजा शंकर मुंगाली और सुरेंद्र मित्तल भी उपस्थिति रहे । उत्सव का समापन अतिथियों को स्वीकार स्मृति चिन्ह वितरण के साथ हुआ। यूकॉस्ट ऐसे सार्थक आयोजनों के माध्यम से पर्यावरण जागरूकता और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। हरेला का लोकपर्व हमें प्रकृति संरक्षण की जिम्मेदारी की हमें याद दिलाता है। कार्यक्रम में आईटीआईटीआई झाजरा, रामकृष्णमिसन मिशन देहरादून, स्वामी रामतीर्थ गर्ल्स स्कूल के छात्र- छात्राओं, शोधकर्ताओं, विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों के अधिकारियों, यूकॉस्ट और आरएससी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रतिभाग किया, और कार्यक्रम को सार्थक बनाने में सहयोग किया ।