उत्तराखंड के 2017 की चुनावी हार के बाद राजनैतिक व्यंगों ने मेरे दिल में कई छेद कर दिये थे: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत

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देहरादून:
सबने मुझे 2022 के लिए मुख्यमंत्री पद का सबसे लोकप्रिय चेहरा बताया है। 2017 की चुनावी हार और उसके बाद कई लोगों के राजनैतिक व्यंगों ने मेरे दिल में कई छेद कर दिये थे। एक आशा थी कि मैंने भगवान केदार और भगवान बद्रीश के बेटे और बेटियों की अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना सेवा की है। मुझे वही न्याय दिलाएंगे। आप सबने मुझे सबसे लोकप्रिय पसंद बताकर मेरे घावों को भर दिया है। मुझे सत्ता की चाहत नहीं है। चाहत है तो गांव के उस व्यक्ति को राज्य की तरक्की से जोड़ने की है, जिसे अभी तक राज्य के तरक्की का लाभ नहीं मिला है। एक समन्वित विकास के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति को राज्य के सभी हिस्सों व वर्गों की विकास संबंधी आवश्यकता व सोच का ज्ञान होना चाहिए। राज्य को एक ऐसे #मुख्यमंत्री की आवश्यकता है जो काफल और काले भट्ट का महत्व समझता हो, जिसके पास ऐसी क्षमता हो जिसके आधार पर वह मडुवे और गन्ने का समन्वित संगीत तैयार कर सके। उत्तराखंडियत के लिए यह चुनाव अंतिम अवसर है। उत्तराखंडियत की विजय के लिए आपको, हमको, कांग्रेस के साथ खड़ा होना चाहिये। कांग्रेस ने इधर 3 बड़े कार्यक्रम दिये हैं। पहला कार्यक्रम सदस्यता अभियान का है। दूसरा कार्यक्रम गांव-गांव कांग्रेस, गांव से जुड़ो-गांव चलो का है और तीसरा कार्यक्रम पूर्व सैनिकों व शहीदों के सम्मान का है। मेरा आपसे आग्रह है कि इन कार्यक्रमों के साथ जुड़कर के कांग्रेस के झंडे को थामिये तभी आप हरीश रावत को राज्य का मुख्यमंत्री बना पाएंगे।

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