“जलवायु परिवर्तन एवं आपदाओं के लिए तत्परता“ विषय पर कार्यक्रम आयोजन किया गया

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उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकास्ट), हैस्को, एवं वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, देहरादून के संयुक्त तत्वाधान में आज दिनांक 9 सितम्बर 2023 को हिमालय दिवस के अवसर पर वाडिया संस्थान के सभागार में “जलवायु परिवर्तन एवं आपदाओं के लिए तत्परता“ विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की भूमिका रखते हुए पर्यावरणविद डॉ रीमा पंत जी ने कहा कि आज का यह दिवस विशेषरूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस कार्यक्रम के माध्यम से हमें जलवायु परिवर्तन एवं आपदाओं के कारणों एवं तैयारी के बारे में जानकारी प्राप्त होगी। वाडिया संस्थान के निदेशक डॉ कलाचन्द सेन ने कार्यक्रम में प्रतिभाग करने वाले विशेषज्ञों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होने हिमालय दिवस की सार्थकता एवं महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने हिमालयी संसाधनों का बुद्विमत्तापूर्ण प्रयोग एवं उपयोग पर बल दिया, जिससे अगली पीढियों पर प्रतिकूल प्रभाव न पडे।
पद्मभूषण (डॉ) अनिल प्रकाश जोशी जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिमालय नवीन पर्वत श्रृंखला है, जो अभी भी बनने की प्रक्रिया में हैं। उन्होने कार्यक्रम में उपस्थित युवाओं का आह्वान किया कि अपने आपको सशक्त रखने के लिए हिमालय को भी सहेजना होगा। उन्होने माननीय मुख्यमंत्री जी के संदेश को आगे बढाते हुए बताया कि हिमालयी पर्यावरण के संरक्षण में सरकार के साथ-साथ समाज का दायित्व निर्वहन भी महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में दो पैनल चर्चा सत्रों १) ‘जलवायु परिवर्तन एवं हिमालय – चुनौतियाँ एवं अवसर ‘और २)’आपदा प्रस्यास्थता का विकास और पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र’ का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न संस्थानों से आये विशेषज्ञों के द्वारा विचार व्यक्त किए गये। साथ ही प्रतिभागियों के द्वारा भी विभिन्न प्रश्नों एवं सुझावों के माध्यम से कार्यक्रम में सक्रिय प्रतिभाग किया गया।
यूकास्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने समापन उद्बोधन में कहा कि हिमालय वर्षों से आम जनमानस को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं देता आ रहा है। हमारे पूर्वज भी जीवन यापन के लिए हिमालय पर निर्भर रहते थे और आज हम सब लोग भी हिमालय से मिलने वाले प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर हैं। उन्होने आगे कहा कि भविष्य में इस प्रकार के और भी कार्यक्रम आयोजित किये जाएँगे , जिनसे आमजनमानस को हिमालय में आने वाले विभिन्न आपदाओं के प्रति जागरूक करने एवं युवाओं को हिमालय को संरक्षित रखने की दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा। उन्होने यूकास्ट एवं हैस्को की ओर से वाडिया संस्थान को कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होने हैस्कों संस्थान का भी धन्यवाद किया कि उनके द्वारा कार्यक्रम की शुरूआत की गयी। कार्यक्रम का संचालन श्री प्रहलाद सिंह अधिकारी, समन्वयक, यूकास्ट द्वारा किया गया।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के सलाहकार डॉ देवप्रिय दत्ता, यू.एन.डी.पी के अध्यक्ष श्री प्रदीप मेहता, आई.आई.आर.एस, हैस्कों, यूकास्ट, वाडिया संस्थान, यू.पी.ई.एस, तुला संस्थान, गुरूकुल कांगडी विश्विद्यालय, सहित अनेकों संस्थानों के 250 से अधिक वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित समाज के विभिन्न वर्गो से प्रतिष्ठित लोगो ने कार्यक्रम में भाग लिया।

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