चंपावत में एरोमा मिशन कार्यशाला का आयोजन, आदर्श चंपावत की मजबूत होती जड़े

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चंपावत : 

उत्तराखंड @ 25 आदर्श चंपावत के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद/यूकास्ट/अग्नि टीम, पीएसए भारत सरकार, सी मैप लखनऊ, चैतन्य मौनालय एवं कृषि सेवा समिति, टेक्नोलॉजी रिसोर्स सेंटर सिप्टी चंपावत एवं जिला प्रशासन चंपावत के तत्वाधान में जिला सभागार में एरोमा मिशन कार्यशाला का आयोजन किया गया। डॉo पीयूष जोशी वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी के द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों वैज्ञानिकों जनप्रतिनिधियों एवं कास्करों का स्वागत किया गया, साथ ही उनके द्वारा आदर्श चंपावत के अंतर्गत यूकास्ट के द्वारा किए गए कार्यों के बारे में जानकारी भी दी गई।

कार्यशाला का वर्चुवली उद्घाटन करते हुए महानिदेशक यूकास्ट प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे समेत सभी जनप्रतिनिधियों, वैज्ञानिकों एवं किसानों का स्वागत करते हुए कहा कि चंपावत जिले की भौगोलिक परिस्थितियों में वैज्ञानिकों द्वारा ऐसी कार्य योजना तैयार की गई है जो जिले की तस्वीर बदलने के अलावा रोजगार को बढ़ावा देगी। उन्होंने एरोमेटिक के क्षेत्र में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा चंपावत जिले में सीमैप, यूकास्ट एवं स्थानीय प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से इस दिशा में नए आयाम जुड़ने जा रहे है।
डीएम नवनीत पांडे ने मुख्य अतिथि तथा वैज्ञानिकों का स्वागत किया। कहा जिले में किसानों के पास कमजोत होने, उस पर भी बंदरों एवं अन्य जंगली जानवरों द्वारा किसानों की मेहनत में पानी फेरने से परेशान किसान को उसका मेहताना नहीं मिला पता। लेकिन मॉडल जिले की अवधारणा से लोगों का पुनः माटी से जुड़ने का मूड बनता जा रहा है। यहां जीतोड़ मेहनत करने वाले किसानों को ऐसी तकनीकी बताने की जरूरत है जो उनकी आर्थिकी को मजबूत कर सकें।
यूकोस्ट के संयुक्त निदेशक डॉक्टर डीपी उनियाल ने प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया कि नोडल एजेंसी के रूप में यूकास्ट ने आज तक बनाई गई कार्य योजना के जरिए क्या क्या प्रयास किए। कहा मॉडल जिले में तेजी से यहां के किसानों व बच्चों में लगातार वैज्ञानिक सोच बढ़ती जा रही है। जिले में साइंस कॉरिडोर की स्थापना के बाद और आधुनिक ज्ञान विज्ञान की जानकारी मिलने से सामाजिक व आर्थिक विकास होगा।
सीमैप के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक मनोज सेमवाल ने बताया कि सीमैप के जरिए चंपावत जिले में हर संभावना में कार्य करते हुए वैज्ञानिक सोच को खेतों तक पहुंचाने के अच्छे परिणाम सामने आते जा रहे हैं।
यूकास्ट, सीमैप एवं पीएमओ कार्यालय के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के प्रतिनिधि सानिद पाटिल के द्वारा अभी तक बनाई गई कार्य योजना पर विस्तृत चर्चा की गई।
सीडीओ आरएस रावत ने एरोमा के लिए यहां की जलवायु को अनुकूल बताते हुए कहा कि वैज्ञानिको को यह प्रयास करना होगा कि किस प्रकार जंगली जानवरों से किसानों को राहत दी जा सके। डीएफओ आरसी कांडपाल ने इकोनामी एवं इकोलॉजी में समन्वय स्थापित करते हुए जंगलों को आग से बचाने के लिए पीरूल का प्रबंधन किए जाने पर विशेष जोर दिया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी ने भी अपने विचार रखें।
इस अवसर पर सीमैप की ओर से 20 किसानों को केमोमाइल के बीज उपलब्ध कराए गए, जिससे प्रत्येक किसान अपने खेत में उत्पादन कर सकेगा। इसकी गंध से न केवल जंगली जानवर दूर रहेंगे बल्कि यह चाय बनाने के काम में भी आता है।
कार्यक्रम में सीमैप लखनऊ एवं यूकास्ट के वैज्ञानिकों के द्वारा विभिन्न रेखीय विभागों, किसानों, कास्तकारों एवं स्वयं सहायता समूह के प्रतिनिधियों आदि को अरोमा मिशन के बारे में जानकारी दी गयी। अरोमा मिशन का उद्देश्य किसानों व काश्तकारों को उच्च लाभ, बंजर भूमि के उपयोग और जंगली एवं पालतू जानवरों से फसलों की रक्षा करके समृद्ध बनाना है। इस कार्यशाला के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी की जनपद चंपावत को आदर्श जिले के रूप में विकसित करने की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जाएगा। सीमैप (केन्द्रीय औषधीय एव सगंध पौधा संस्थान) लखनऊ एवं यूकास्ट के वैज्ञानिकों द्वारा इसके माध्यम से मॉडल जिला बनाया जाएगा व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के आधार पर खेती की जाएगी। उन्होंने बताया कि क्योंकि जनपद चंपावत में सभी प्रकार का पर्यावरण पाया जाता हैं जिसमें हिमालय रीजन व तराई का भाग भी मौजूद है। भारत सरकार द्वारा संचालित अरोमा मिशन जो पूरे देश में चलाया जा रहा है और पूरे प्रदेश में अभी चंपावत में मंगलवार को इसकी विविधिवत शुरुआत की गई है। जिसका शुभारंभ फरवरी में माननीय मुख्यमंत्री जी ने किया था। इस कार्यशाला के माध्यम से अधिकारी, किसान व काश्तकार परस्पर संवाद रहे हैं।एरोमेटिक पौधे बहुत उपयोगी व बहुमूल्य हैं तथा उनकी खेती पारंपरिक खेती के साथ कैसे की जा सकती है इसकी कार्यशाला के दौरान चर्चा की गई।*चंपावत को मॉडल जिला बनाने के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने तैयार की गई कार्य योजना का किया प्रदर्शन।
कार्यशाला में ब्लॉक प्रमुख बारकोट विनीता फर्त्याल, चंपावत रेखा देवी, यूकास्ट के वैज्ञानिक पूनम गुप्ता, वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी पीयूष जोशी, कार्यक्रम समन्वयक देवेंद्र सिंह, श्याम नारायण पाण्डेय, शंकर दत्त पांडे, विभिन्न विभागीय अधिकारी, किसान आदि उपस्थित रहे।

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