महिला आरक्षण बिल पर आज लोकसभा में कांग्रेस नेता व सांसद सोनिया गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी का कहना है, ”यह मेरे जीवन का भी एक भावनात्मक क्षण है। पहली बार स्थानीय निकाय चुनाव में महिलाओं का प्रतिनिधित्व तय करने के लिए संवैधानिक संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी द्वारा लाया गया था। वह राज्य में हार गए थे” सभा में 7 वोटों से। बाद में, पीएम पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने इसे राज्यसभा में पारित कर दिया। परिणामस्वरूप, हमारे पास स्थानीय निकायों के माध्यम से देश भर में 15 लाख निर्वाचित महिला नेता हैं। राजीव गांधी का सपना केवल आंशिक रूप से पूरा हुआ है .यह इस विधेयक के पारित होने के साथ पूरा हो जाएगा।”
#WATCH | Women's Reservation Bill | Congress Parliamentary Party Chairperson Sonia Gandhi says, "This is an emotional moment of my own life as well. For the first time, Constitutional amendment to decide women's representation in local body election was brought by my life partner… pic.twitter.com/stm2Sggnor
— ANI (@ANI) September 20, 2023
साथ ही कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी का कहना है कि ”कांग्रेस पार्टी इस विधेयक का समर्थन करती है। विधेयक के पारित होने को लेकर हम खुश हैं लेकिन हमें चिंता भी है। मैं एक सवाल पूछना चाहती हूं। भारतीय महिलाएं पिछले कुछ समय से अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों का इंतजार कर रही हैं 13 साल। अब उन्हें कुछ साल और इंतजार करने को कहा जा रहा है। कितने साल? क्या भारतीय महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार उचित है? कांग्रेस की मांग है कि बिल को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए लेकिन जाति जनगणना भी कराई जाए और आरक्षण की व्यवस्था की जाए एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं को बनाया जाए ।