2021 के महाकुंभ में हुए कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े में जहाँ पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने कार्यकाल में कहा था, कुम्भ में कोरोना टेस्टिंग घोटाला उनके समय का नहीं बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल का है , जसके बाद इस फर्जीवाड़े की जांच सरकार द्वारा कराई गई , जो अभी चल रही है। अब नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों प्रदेश की कमान आते ही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक न्यूज चैनल के एक इंटरव्यू में साफ तौर पर कहा है, इस फर्जीवाड़े की न्यायिक जांच होनी चाहिए ये कोरोना टेस्टिंग का घोटाला किस की सरकार के समय हुआ है इसका दूध का दूध पानी का पानी होना चाहिए साथ ही दोषियों पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री के बयान से भाजपा की आपसी उठा पटक के माहौल सामने आया है। देखना ये होगा कि इसके बाद क्या पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत अपना क्या पक्ष रखते है ।
