नई दिल्ली
गृह मंत्री अमित शाह ने आज शुक्रवार 11 अगस्त को लोकसभा में तीन बिल पेश किए है। ये बिल पेश करते हुए सदन में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने के आपराधिक कानून अब बदले जा रहे है। इनमें भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 शामिल हैं।
नए कानून में अब यौन शोषण के मामलों में पीड़िता के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य होगी।
90 दिन के अंदर जाँच अधिकारी द्वारा आरोप पत्र दायर करने की अनिवार्यता से जल्द से जल्द न्याय सुनिश्चित हो सकेगा। pic.twitter.com/mNgGGVaSJu
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) August 11, 2023
इसके अलावा मॉब लिंचिंग के लिए अब नया कानून बनाया जाएगा । केंद्र सरकार मॉब लिंचिंग के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान भी करेगी व साथ ही राजद्रोह कानून को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘आज मैं जो तीन विधेयक एक साथ लेकर आया हूं, इनमें इंडियन पीनल कोड, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड और इंडियन एविडेंस कोड है।
नए कानून में अंतरराज्यीय और संगठित अपराध के खिलाफ कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। pic.twitter.com/KNT2JIUAb7
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) August 11, 2023
इसके साथ ही नाबालिग से रेप पर भी मौत की सजा का प्रावधान रखा गया है. नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में सजा को प्राथमिकता दी गई है. वहीं, साल 2027 से पहले देश की सभी कोर्ट को कंप्यूटराइज करेंगे. किसी को भी गिरफ्तार करने पर उसके परिवार वालों को सबसे पहसे जानकारी दी जाएगी.
भारतीय न्याय संहिता बिल, भारतीय साक्ष्य बिल और भारतीय नागरिक सुरक्षा बिल में किए गए बदलाव से देश के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम का overhaul होगा और पीड़ितों को अधिक से अधिक 3 साल के अंदर पूर्ण न्याय मिल सकेगा। pic.twitter.com/UNvY6OcvFn
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) August 11, 2023
अब इंडियन क्रिमिनल लॉ में ये होंगे बड़े बदलाव : –
मोदी सरकार की तरफ से इंडियन क्रिमिनल लॉ में कई बड़े बदलाव करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं. इससे देश को गुलामी की सभी पुरानी निशानियों से छुटकारा मिलेगा.
- नई सीआरपीसी (CRPC) में 356 धाराएं होंगी, जबकि पहले इसमें कुल 511 धाराएं होती थी.
- 7 साल से ज्यादा की सजा वाले मामलों में फॉरेंसिक टीम की तरफ से सबूत जुटाए जाएंगे.
- देश छोड़कर भागने वाले अपराधियों की अनुपस्थिति में कानूनी प्रक्रिया में पूरी तरह दोषी करार देने का प्रावधान.
- अब कोर्ट को सुनवाई पूरी होने के 30 दिन बाद किसी भी सूरत में फैसला सुनाना होगा.
- तलाशी-जब्ती को लेकर अब वीडियो बनाना अनिवार्य होगा.
- गुनाह किसी भी इलाके में हुआ हो, लेकिन एफआईआर देश के किसी भी हिस्से में दर्ज की जा सकेगी.
- 90 दिनों के अंदर चार्जेशीट दाखिल करनी होगी और 180 दिनों के अंदर हर हाल में जांच समाप्त की जाएगी.
- लव जिहाद पर कार्रवाई के लिए पहचान बदलकर यौन शोषण करने वाले को सजा का प्रावधान होगा.
- नाबालिग बच्चियों के साथ सामूहिक बलात्कार की सूरत में मृत्यु दंड का प्रावधान होगा.
- बच्चों और महिलाओं साथ अपराध के मामले में 10 वर्ष तक की सजा
- भारतीय साक्ष्य कानून (IEA) 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लेगा.