विज्ञानिक तथ्यों और शिक्षा के माध्यम से युवा नशे के हानिकारक प्रभावों को ज्यादा समझते हैं: प्रोफेसर पन्त

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देहरादून:

दिनांक 26 फरवरी 2024 को आंचलिक विज्ञान केंद्र, उत्तराखंड राज्य एवं प्रौद्योगिकी परिषद् (यूकॉस्ट) में तीन दिवसीय नवाचार उत्सव का उद्घाटन किया गया। इस उत्सव का मुख्य विषय था विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक, जिसके अंतर्गत प्रॉब्लम सॉल्विंग कांटेस्ट , आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और क्रिएटिविटी कार्यशाला और एक नवाचार प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि प्रोफेसर एस पी सिंह, पूर्व कुलपति गढ़वाल विश्वविद्यालय रहे और विशिष्ट अतिथि डॉ कलाचंद सेन, निदेशक वाडिया भूविज्ञान संस्थान रहे। इस अवसर पर नासी प्लेनरी व्याख्यान का भी आयोजन किया गया। इस अवसर पर नवाचार विशेषज्ञों के साथ दो वार्ता सत्र और विभिन्न विषयों के अंतर्गत पैनल डिस्कशन सत्र आयोजित किये गए। संयुक्त निदेशक यूकॉस्ट डॉ डी पी उनियाल ने परिषद् के विज्ञान लोकव्यापीकरण कार्यक्रमों और राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी तथा अन्य संस्थानों द्वारा दी जाने वाली विभिन फ़ेलोशिप और सदस्यता कार्यक्रमों की जानकारी दी। श्री जी.एस. रौतेला, सलाहकार, साइंस सिटी ने भारत के प्रेरक नवाचार विषय के अंतर्गत एक व्याख्यान दिया। प्रो. एस.पी. सिंह ने अनुसंधान, शिक्षा और नवाचार के बीच महत्वपूर्ण संबंध पर चर्चा की । डॉ. कालाचंद सेन ने सतत विकास और नवाचार के महत्त्व एवं बुनियादी शिक्षा पर अपने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के महत्व को दर्शाने वाला एक संक्षिप्त वीडियो प्रसारण भी किया गया।
यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने वैज्ञानिक शिक्षा और परिषद् की विभिन्न परियोजनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा की विज्ञान का ज्ञान नशे के हारने में बहुत ही प्रभावी है। विज्ञानिक तथ्यों और शिक्षा के माध्यम से लोग नशे के हानिकारक प्रभावों को समझते हैं और उससे दूर रहने के लिए प्रेरित होते हैं। इससे उन्हें नशे के खतरों के बारे में सही जानकारी प्राप्त होती है और वे इससे बचने के उपाय अपनाते हैं।

लैब ऑन व्हील, स्टेम लैब्स और विज्ञान केन्द्रो द्वारा हम प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों तक विज्ञान की शिक्षा पहुँचाने की और लगातार प्रयासरत हैं। इस अवसर पर नशा मुक्ति की पहल की शुरुआत करते हुए एक स्पेशल सेशन भी आयोजित किया गया जिसका मुख्य विषय था नशे को ना और विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार को हाँ। इस सत्र के मुख्य वक्ता थे , डॉ सोनल कौशल गुप्ता, डॉ ललित जोशी। इस अवसर पर श्री थपलियाल जी ने योग के महत्त्व और डॉ नौटियाल ने आयुर्वेद के महत्त्व पर चर्चा की। डॉ अक्षय द्विवेदी , आई आई टी रूरकी, डॉ नितिन मौर्या , नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ने भारत के अग्रणी नवाचार और स्टार्टअप्स से सबको अवगत कराया। एलबीएस अकादमी के वरिष्ठ आईटी विशेषज्ञ डॉ. विनोद तनेजा ने शासन और प्राकृतिक संसाधन संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में डॉ. जी.एस. रावत, डॉ अजय त्यागी, डॉ पूनम गुप्ता, डॉ रीमा पंत , डॉ आशुतोष मिश्रा, डॉ पियूष जोशी , श्री अमित पोखरियाल , कंचन डोभाल, यूकॉस्ट एवं आंचलिक विज्ञान केंद्र के समस्त अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। विभिन्न कार्यशालाओं और व्याख्यान सत्रों में टी एच डी सी, नई टिहरी, एच आई टी , देहरादून , तुलाज इंस्टिट्यूट , डॉलफिन पी जी कॉलेज एवं अन्य कई शिक्षण संस्थाओं के 300 से अधिक छात्र – छात्राएं मौजूद रहे।

 

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