चमोली:
चमोली जनपद के नीति गांव में विकास के नाम पर हो रहे कथित मनमाने निर्माण कार्य ने ग्रामवासियों को आंदोलित कर दिया है। देश के प्रथम ‘जीवंत ग्राम’ के तौर पर पहचान बना चुके नीति गांव में बिना ग्रामसभा की अनुमति और बिना ग्रामवासियों की जानकारी के बहुउद्देशीय मैदान की खुदाई से ग्रामवासियों में गहरा रोष है।
क्या है पूरा मामला ?
दिनांक 18 मई 2025 को गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) के ठेकेदार ब्यास के लोगों ने जेसीबी मशीन लेकर नीति गांव में प्रवेश किया और गांव के एकमात्र बहुउद्देशीय मैदान की खुदाई शुरू कर दी। यह वही मैदान है जहां गांव के धार्मिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। इसके साथ ही यह नीति घाटी के लाता गांव की प्रसिद्ध नंदा माता यात्रा का भी प्रमुख पड़ाव स्थल है।
पूर्व ग्राम प्रधान आशीष राणा ने आरोप लगाया कि यह कार्य बिना ग्रामसभा की अनुमति और बिना किसी पूर्व सूचना के शुरू किया गया। इस समय गांव में सीमित संख्या में ही लोग गर्मी में निवास के लिए पहुंचे हैं और उसी का फायदा उठाकर कार्यदायी संस्था द्वारा दबाव बनाकर निर्माण कार्य की शुरुआत कर दी गई।
ग्रामवासियों में फैला आक्रोश….
कुछ स्थानीय लोगों ने मौके पर विरोध जताया और जब इस खबर ने व्यापक रूप लिया, तो पूरे गांव में आक्रोश फैल गया। फोन के माध्यम से अधिकारियों को सूचना दी गई, जिसके बाद फिलहाल कार्य को रुकवा दिया गया।
पूर्व प्रधान आशीष राणा का कहना है कि उन्होंने पहले ही GMVN और संबंधित विभागों को पत्र भेजकर यह आग्रह किया था कि जून माह के पहले सप्ताह में ग्रामवासियों, ठेकेदार और अधिकारियों की संयुक्त बैठक गांव में होनी चाहिए, ताकि आपसी सहमति से निर्माण स्थल का चयन किया जा सके। लेकिन इससे पहले ही आनन-फानन में कार्य शुरू किया गया, जिससे भ्रष्टाचार और मिलीभगत की आशंका भी जताई जा रही है।
धार्मिक भावनाओं को ठेस….
ग्रामवासी बताते हैं कि यह मैदान न केवल सामाजिक गतिविधियों का केंद्र है, बल्कि यह धार्मिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। नंदा देवी यात्रा के दौरान यह मैदान मुख्य आयोजन स्थल होता है। ऐसे में बिना अनुमति इस स्थल को खोदना स्थानीय संस्कृति और आस्था के खिलाफ है।
अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप….
आशीष राणा ने बताया कि उन्होंने दो बार GMVN के कार्यालय में जाकर अपनी आपत्ति दर्ज करवाई, लेकिन वहां तैनात जूनियर इंजीनियर रावत ने कोई सहयोग नहीं किया। उन्होंने कहा कि अब गांववाले इस मुद्दे पर एकजुट होकर संघर्ष करेंगे।
कानूनी लड़ाई की तैयारी….
पूर्व प्रधान ने कहा कि वह इस पूरे मामले की जानकारी जिलाधिकारी को ज्ञापन के माध्यम से देंगे। साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, एफआईआर और ग्राम को हुए नुकसान की भरपाई की भी मांग करेंगे।
नीती गांव के लोग अब विकास के नाम पर हो रहे ‘विनाश’ के खिलाफ लामबंद हो गए हैं और इसे अपनी संस्कृति और अस्तित्व की लड़ाई मानते हुए लंबी लड़ाई लड़ने की तैयारी में हैं।