विपक्षी दलों के आठ मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक से नदारद रहेंगे

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आज नई दिल्ली के प्रगति मैदान में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की आठवीं बैठक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
बैठक का विषय ‘विकास भारत @ 2047: टीम इंडिया की भूमिका’ होगा।

देश के आठ मुख्यमंत्रियों ने नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।
ये आठ मंत्री हैं:-
1.दिल्ली के अरविंद केजरीवाल
2. पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी
3. पंजाब के भगवंत मान
4. बिहार के नीतीश कुमार
5. तेलंगाना के के चंद्रशेखर राव
6. तमिलनाडु के एमके स्टालिन
7. अशोक गहलोत राजस्थान और
8. केरल के पिनाराई विजयन

अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मंत्री को पत्र में शामिल ना होने की वज़ह लिखी कि 19 मई के अध्यादेश के विरोध में बैठक का “बहिष्कार” करतें हैं,  और इसे अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक” बताते हैं। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी नीति आयोग की बैठक में कोई प्रतिनिधि  देने से इन्कार किया है क्योंकि राज्य के वित्त मंत्री और मुख्य सचिव को भेजने के टीएमसी सरकार के अनुरोध को केंद्र द्वारा “अस्वीकार” कर दिया गया था।
बिहार कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्यों ने नीतीश कुमार की अनुपस्थित रहने की वज़ह उनकी “पूर्व प्रतिबद्धताओं” को बताया। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री,  के चंद्रशेखर राव ने भी बैठक में शामिल नहीं होंगे क्योंकि उनकी शनिवार को हैदराबाद में केजरीवाल के साथ बैठक होनी है। यह बैठक सेवाओं के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल के एक अभियान का हिस्सा है, जिसके लिए वह संसद में विधेयक के रूप में आने वाले अध्यादेश को रोकने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं से उनका समर्थन मांगते रहे हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री, एमके स्टालिन सिंगापुर और जापान के दौरे पर हैं और इसलिए वह बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे। पंजाब के मुख्यमंत्र, भगवंत मान, फंड देने के मुद्दे पर केंद्र द्वारा राज्य के साथ कथित भेदभाव के विरोध में होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगे। अशोक गहलोत, स्वास्थ्य कारणों से बैठक में शामिल नहीं हो पाना वज़ह बताया, वहीं केरल के मुख्यमंत्री,पिनाराई विजयन ने अपनी अनुपस्थिति का कोई विशेष कारण नहीं बताया है।

वहीं रविशंकर प्रसाद ने BJP की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा, “नीति आयोग, देश के विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्लेटफार्म है। इन तमाम विपक्षी पार्टियों का हमारे ऊपर आरोप है कि हम संस्थानों का सम्मान नहीं करते। ये  तमाम पार्टियाँ, देश की समस्थ सवैधानिक संस्थाओं की खुलेआम आलोचना करती हैं। नीति आयोग भी देश के शासन के नीति-निर्देश, तत्वों के निर्धारण के लिए बहुत बड़ी संस्था है। मुख्यमंत्री की सलाह तथा केंद्र की चर्चा, ये संवाद से निर्णय ठीक हो और लागू किया जाए। 8वी गवर्निंग काउंसिल के लिए 100 मुद्दे तय किये गए हैं। इतनी संख्या में अगर इतने मुख्यमंत्री नहीं आएंगे तो यहां जो निर्णय लिए जाएंगे, तो आप, अपने प्रदेश की जनता की आवाज नहीं ला रहें हैं। मोदी विरोध में आप कहाँ तक जाएंगे?”

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