उत्तराखंड में बंदरों की आबादी अब कम होने लगी है। अगर तीन सालों के आकड़ों की माने तो, 2015 से बंदरों की आबादी में लगभग 36,000 बंदर कम हुए हैं।
चूंकि, पहाड़ों में खेतीबाड़ी चौपट करने में, बंदर प्रमुख वजह रहें हैं, कुछ लोगों का मानना है कि पहाड़ों से पलायन की एक बड़ी वज़ह, बंदरों का आतंक भी रहा है। इस लिहाज से देखा जाए तो यह पहाड़ वासियों के लिए अच्छी खबर है। हालांकि, बंदरों की आबादी के घटने पर पर्यावरण संरक्षकों और पशुओं के संरक्षण करने वालों का इससे अलग विचार है।
बन्दरों की आबादी में इतनी भारी गिरावट की वज़ह, प्रदेश में पिछले कई सालों से की जा रही बंदरों की नसबंदी है। प्रदेश में चिड़ियापुर, अल्मोड़ा और रानीबाग तीन जगह बनाए गए बाड़ों में बंदरों की नसबंदी होती है.
पिछले दिनों, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने भी बन्दरों के पहाड़ों में बड़ी संख्या में बढ़ने को लेकर वन विभाग को इस समस्या को मिशन मोड में लेके जाने के निर्देश दिए थे।