पर्यावरण को बचाने में UCOST वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हर सम्भव प्रयास में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है : प्रोo दुर्गेश पंत

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पर्यावरण को प्लास्टिक प्रदूषण से मुक्त करने के लिए वैज्ञानिक अनुप्रयोगो के साथ जन जागरूकता भी बहुत जरूरी हैः महानिदेशक यूकाॅस्ट

देहरादून:

उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकाॅंस्ट), देहरादून में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में आज दिनांक 5 जून को एक संगोष्ठी का आयोजन आंचलिक विज्ञान केन्द्र देहरादून में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ परिषद परिसर में अतिथियों एवं प्रतिभागियों के द्वारा वृक्षारोपण करके किया गया।
इस अवसर पर डाॅ0 डी0 पी0 उनियाल, संयुक्त निदेशक, यूकाॅस्ट द्वारा अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया गया। उन्होने विद्यार्थियों को विश्व पर्यावरण दिवस के बारे में जानकारी दी गयी। परिषद द्वारा इस अवसर पर विशेष चर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के वैज्ञानिकों के द्वारा प्रतिभाग किया गया। यह चर्चा प्लास्टिक मुक्त पर्यावरण, प्रदूषण नियंत्रण, पर्यावरण संरक्षण और सामरिकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। चर्चा में कई प्रमुख वैज्ञानिकों ने अपने विचारों और अनुभवों को प्रतिभागियों के साथ साझा किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो0 दुर्गेश पंत, महानिदेशक, यूकाॅस्ट के द्वारा की गयी। उन्होने अपने उद्बोधन में पर्यावरण संरक्षण पर जोर दिया। साथ ही उन्होने प्रतिभागियों को विश्व पर्यावरण दिवस की इस वर्ष के विषय “बीट प्लास्टिक पैलूशन“ के बारे में जानकारी दी गयी। उन्होने कहा की परिषद अगले वर्ष से इकोलाॅजिकल रिस्पाॅन्सबिलिटी (पारिस्थितिकीय जिम्मेदारी) के क्षेत्र में राज्य के सभी जिलों में कार्य कर रहे लोगों को सम्मानित किया जायेगा। साथ ही साथ उन्होने विद्यार्थियों से आहवाहन किया कि वे परिषद की वेबसाइट पर अपने पर्यावरण सम्बन्धी वैज्ञानिक विचारों को साझा कर सकते है। उन्होनें कहा कि यूकाॅस्ट के द्वारा विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए भविष्य में पर्यावरण प्रहरी पत्रीका को भी प्रकाशित किया जायेगा। पर्यावरण को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए वैज्ञानिक अनुप्रयोगों के साथ ही आमजनमानस को जागरूक करने की आवश्यकता है, जिसमें हमारे विद्यार्थी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।
इस विशेष चर्चा में जूलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया की वैज्ञानिक डॉ. अर्चना बहुगुणा जी द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के महत्व पर जोर दिया और सामरिकता के लिए प्रयासों की जरूरत को उजागर किया। उन्होने विद्यार्थियों से प्लास्टिक का उपयोग कम से कम करने एवं पर्यावरण को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए सौगंध लेने के लिए कहा। जूलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के वैज्ञानिक डॉ. गौरव शर्मा द्वारा जैव विविधता पर अपने विचार रखे, साथ ही उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन नियंत्रण और प्रदूषण कम करने के लिए उपायों पर अपने विचार साझा किए।
शिक्षाविद् डॉ. रीमा पंत जी द्वारा विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति अपने आस पास के लोगों को जागरूक करने के लिए प्रेरित किया गया। उन्होंने ज्ञान और शिक्षा के माध्यम से पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ाने के महत्व को जोर दिया। उन्होनें विद्यार्थियों को चिपको आन्दोलन के बारे में भी जानकारी दी गयी।
साइंस सिटी के सलाहकार श्री जी. एस. रौतेला द्वारा चर्चा में अपने अभिप्रेत वचन दिए और सामरिकता को सफलतापूर्वक संचालित करने की चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया।
कार्यक्रम में देहरादून के विभिन्न विद्यालयों के 200 से अधिक छात्र एवं छात्राओं के द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 पीयूष जोशी, वरि0 वैज्ञानिक अधिकारी, यूकाॅस्ट द्वारा किया गया।
इस अवसर पर यूकाॅस्ट द्वारा अपने परिसर, उसके आस पास क्षेत्रों एवं टोंस नदी को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए सफाई अभियान की शुरूआत की गयी। इस सफाई अभियान का नेतृत्व यूकाॅस्ट के महानिदेशक प्रो0 दुर्गेश पंत जी द्वारा किया गया। जिसमें यूकाॅस्ट के समस्त वैज्ञानिक एवं अधिकारी, विभिन्न संस्थाओ से आये विशेषज्ञों एवं विभिन्न विद्यालयों के अध्यापकों एवं विद्यार्थियों के द्वारा भी प्रतिभाग किया गया।

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