मुख्यमंत्री ने शासकीय कार्य प्रणाली को पूर्णतः भ्रष्टाचार मुक्त करने के दिये निर्देश

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*मुख्यमंत्री ने शासकीय कार्य प्रणाली को पूर्णतः भ्रष्टाचार मुक्त करने के दिये हैं निर्देश।*

*सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि के मूल मंत्र को कार्य व्यवहार में लाये जाने पर दिया जाए ध्यान।*

*भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिये टोल फ्री नंबर 1064 को बनाया जाए और अधिक उपयोगी।*

*भ्रष्टाचार को मिटाने में जनप्रतिनिधियों, प्रबुद्धजनों एवं आम नागरिकों को भी बनाया जाए सहयोगी।*

*मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिये सतर्कता इकाइयों के प्रयासों को सराहा।*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में शासकीय कार्य प्रणाली के साथ ही विभिन्न स्तरों पर होने वाले भ्रष्टाचार एवं गलत कार्यों पर प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड भ्रष्टाचार एवं अपराध मुक्त हो यह हम सबका नैतिक दायित्व भी है। उन्होंने कहा कि आम जनता की समस्याओं के त्वरित समाधान एवं योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि के मूल मंत्र को हमें आत्मसात करना होगा। यह हमारे कार्य व्यवहार का हिस्सा बनेगा तो भ्रष्टाचार पर नियंत्रण की राह भी प्रशस्त होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के लिये टोल फ्री नम्बर 1064 को आम जनता के हित में और अधिक उपयोगी बनाया जाना चाहिये। उन्होंने भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने में जनप्रतिनिधियों, प्रबुद्धजनों एवं आम नागरिकों को भी सहयोगी बनाये जाने पर बल दिया है।

मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार को रोकने तथा घूसखोरी जैसे कृत्यों की रोकथाम में राज्य सतर्कता इकाइयों द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल की शिकायतों की जांच आदि में भी सतर्कता इकाई द्वारा प्रभावी प्रयास किये गये हैं। अधीनस्थ चयन सेवा आयोग एवं लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में हुई नकल की शिकायतों की त्वरित जांच कर 55 लोगों को जेल में भेजा जा चुका हैं इसके अतिरिक्त सतर्कता इकाई देहरादून एवं हल्द्वानी द्वारा गत वर्ष 14 कार्मिकों को कदाचार के मामले में रंगे हाथों पकड़कर गिरफ्तार किया गया। जबकि आय से अधिक मामलों तथा निर्माण कार्यों में बरती गई अनियमिताओं की भी तत्परता से जांच कर दोषियों को सजा दिलाने का कार्य किया है।

इनमें कमलेश्वर प्रसाद थपलियाल, समीक्षा अधिकारी, सिचाई विभाग, सचिवालय देहरादून को शिकायतकर्ता से 75000, श्री राजकुमार राजस्व निरीक्षक, तहसील रूड़की, क्षेत्र झबरेड़ा, जनपद हरिद्वार को शिकायतकर्ता से 15,000, श्री संदीप कुमार शर्मा उपखण्ड अधिकारी (एस०डी०ओ० ) विद्युत वितरण उपखण्ड, जगजीतपुर कनखल, जनपद हरिद्वार को शिकायतकर्ता से 20,000, श्री नरेश कुमार सैनी, राजस्व उपनिरीक्षक, तहसील हरिद्वार को शिकायतकर्ता से 4,000, श्री मोतीलाल राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) तहसील डोईवाला, जनपद देहरादून को शिकायकर्ता से 10,000, श्री राजेश कुमार हाल रजिस्ट्रार कानूनगो तहसील ज्वालापुर जनपद हरिद्वार को शिकायतकर्ता से 2800, श्री शिवमूर्ती सिंह मण्डी निरीक्षक, कृषि उत्पादन मण्डी समिति, रूड़की को शिकायतकर्ता रू0 30,000 उत्कोच ग्रहण करते हुए सतर्कता टीम द्वारा रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया।

इसके साथ ही गदरपुर जनपद ऊधमसिंहनगर में विद्युत विभाग के संविदा लाइनमैन लालदेव को रू0 8.000, नगर पंचायत सुल्तानपुर पट्टी जनपद ऊधमसिंहनगर के प्रवर सहायक देवनाथ मिश्रा को रू0 26,000, सहायक प्रभागीय वनाधिकारी तराई पश्चिम वन प्रभाग रामनगर जनपद नैनीताल के व्यैक्तिक सहायक दिनेश कुमार को रू0 12,000, तहसील सितारगंज जनपद ऊधमसिंहनगर के सर्वे कानूनगो बंदोबस्ती अशरफ अली को रू0 9,000, तहसील हल्द्वानी जनपद नैनीताल के रजिस्टार कानूनगो बनवारी लाल को रू0 10,000, चकबन्दी अधिकारी के पेशकार आनन्द चन्द को रू० 3,000, तहसील सल्ट जनपद अल्मोड़ा के रजिस्टार कानूनगो अब्दुल हबीब खान को रू0 10,000 की रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।

जबकि सतर्कता सैक्टर देहरादून द्वारा डॉ० राम विलास यादव (आई०ए०एस०) के द्वारा आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने विषयक प्रकरण में विवेचना पूर्ण कर आरोप पत्र मा० न्यायालय प्रेषित किया गया तथा अभियुक्त डॉ० रामविलास यादव (आई०ए०एस०) को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार देहरादून भेजा गया।

आनन्द कुमार जायसवाल तत्कालीन ए०आर०टी०ओ० ऋषिकेश के विरुद्ध विवेचना पूर्ण कर आरोप पत्र मा० न्यायालय में प्रेषित किया गया तथा अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार देहरादून भेजा गया। वर्ष 2022 में विशेष न्यायालय सतर्कता देहरादून द्वारा 01 अभियुक्त को दोषी पाते हुये 5-5 वर्ष की सश्रम कारावास व अर्थदण्ड की सजा सुनाई गयी।

सतर्कता इकाई द्वारा कार्बेट नेशनल पार्क के अन्तर्गत कन्डी रोड निर्माण, मोरघट्टी तथा पाखरो वन विश्राम गृह परिसर में भवनों व जलाशय के निर्माण में हुई अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के आरोपों पर खुली जांच से आरोप सही पाये जाने के फलस्वरूप तत्कालीन रेन्जर बृज बिहारी शर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। इसी अभियोग में तत्कालीन वन संरक्षक किशन चंद को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।

वर्ष 2015 उप निरीक्षक सीधी भर्ती में हुये घोटाले में खुली जांच से आरोप सही पाये जाने के फलस्वरूप उत्तराखण्ड शासन के आदेश पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत नरेन्द्र सिंह जादौन पर अभियोग पंजीकृत किया गया है, जिसकी विवेचना प्रचलित है ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जीरो टॉलरेंस आन करप्शन की नीति का अनुसरण कर नकल माफियाओं के विरुद्ध कठोर कार्यवाही का निर्णय लिया है। राज्य कैबिनेट द्वारा प्रदेश में भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने के लिये सख्त नकल विरोधी कानून बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। इस कानून को इतना सख्त बनाया जायेगा कि भविष्य में कोई इस बारे में सोच भी नहीं। सख्त नकल विरोधी कानून में दोषी का उम्र कैद की सजा का प्राविधान तो होगा ही उसके द्वारा अर्जित संपत्ति को जब्त किये जाने का भी व्यवस्था रहेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के युवाओं का हक मारने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। सरकार ये सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य की सभी भर्ती परीक्षाएँ स्वच्छ और पारदर्शी हो। अब भविष्य में कोई इन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने की हिम्मत न कर सके। नकल विरोधी कानून के प्रावधानों से यह व्यवस्था बन जायेगी।

उन्होंने कहा कि नकल माफियाओं के लगातार सक्रिय रूप से तैनात होने तथा परीक्षा पेपर को लीक आउट कराये जाने से परीक्षा देने वाले अन्य अभ्यर्थी, जो दिन-रात मेहनत करते हैं, उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। इन्ही तथ्यों को ध्यान में रखते हुए अब निर्णय लिया गया है कि उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग, हरिद्वार तथा उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, देहरादून द्वारा भविष्य में आयोजित होने वाली परीक्षाओं से पूर्व अभिसूचना इकाई को सक्रियता से तैनात किया जाय, ताकि ऐसी पुनरावृत्ति न हो पाये।

राजकीय कार्य प्रणाली को पूर्णतः भ्रष्टाचार मुक्त बनाये जाने आदि के संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस सन्धु द्वारा सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिवों, विभागाध्यक्षों, मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किये गये हैं।