उत्तरकाशी / बड़कोट:
मार्च के महीने में ही गर्मी का बढ़ता पारा देखा जाए तो आज तक मार्च के महीने में कभी भी पहाड़ो में इतना नहीं बड़ा था। जबकि पिछले वर्षों में पहाड़ ठंडे रहते ही थे । लेकिन अब स्थिति धीरे-धीरे बदलती नज़र आ रही हैं । पहाड़ों में वनाग्नि की समस्या आमतौर पर मई-जून में नजर आती थी, वह अब मार्च में ही दिखने लगी है। वन्यजीव पर भी संकट आ खड़ा हुआ है। वक्त रहते यदि जनमानस सचेत नहीं हुआ तो स्थिति भयावह हो सकती है। इन दिनों राज्य के अधिकांश जिलों के जंगल जल रहे हैं, लेकिन सरकार ठोस कदम नहीं उठा रही है। अब तक लाखों की वन सम्पदा नष्ट हो चुकी है। वन विभाग के बेखबर होने से उसकी कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गयी है। राज्य सरकार ने वन पंचायतें गठित कर रखी है , लेकिन धरातल पर यह भी कहीं नजर नहीं आ रहे। कुछ महीने पूर्व वनों में आगजनी की घटनाओं को कम करने के लिए विभाग ने वन प्रहरियों की नियुक्तियां भी की है, लेकिन स्तिथि जस की तस बनी है।
नौगांव
तहसील बड़कोट के बनाल पट्टी के कोटला गांव के एक मकान में आग लगने से मकान में रखा सामान जलकर खाक हो गया। मकान में रह रहे लोगों ने बाहर निकल किसी तरह अपनी जान बचाई। स्थानीय लोगों ,बड़कोट पुलिस, एसडीआरएफ, दमकल कर्मियों द्वारा दो घण्टे की कड़ी मशक्कत के बाद आग को बुझाने में कामयाब हुए। आगजनी में किसी प्रकार के जनहानि की सूचना नहीं है।
इस्पेक्टर बड़कोट के अनुसार सोमवार सुबह 3 बजे सूचना प्राप्त हुई कि बनाल पट्टी के कोटला गांव निवासी साईबू लाल पुत्र हरा लाल, सन्तलाल पुत्र फटणू , दर्शन लाल पुत्र हन्सेरु के सामूहिक आवासीय मकान में रविवार रात से ही भीषण आग लगी है। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस, एसडीआरएफ और फायर बिग्रेड की टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया है। लेकिन, घर में रखा खाद्यान्न, कपड़े, नगदी, गहने सहित सारा सामान जलकर खाक हो गया।