9 नवंबर 2000 में उत्तराखंड राज्य की स्थापना हुई । उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद भी आज पहाड़ के मुद्दे जस के तस हैं जिसमे पलायन आज एक बड़ा मुद्दा है । वही एक तरफ अस्थाई राजधानी देहरादून में भू-माफियाओं व खनन माफियाओं का रुतबा बढ़ता दिखाई दिया तो कुछ ऐसे भी उत्तराखंड के निवासी हैं जिन्होंने अपनी जमीन अपनी नदियों की कदर करते हुए उनको पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने का काम किया है। यह कहानी है पर्यटक स्थल सहस्त्रधारा के अनूप पयाल की। अपने पेशे से फोटोग्राफर है उन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन को ना बेचते हुए अपने घर का सब कुछ गिरवी रख पर्यटक स्थल सहस्त्रधारा पर ऐसा काम किया कि आज वह एक होटल के मालिक हैं जो उत्तराखंड के उन युवाओं के लिए एक रोल मॉडल है जो युवा अपनी जमीन बेच कर उत्तराखंड छोड़ रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों व विदेशों में काम करने जाते हैं।
देखिए अनूप की कहानी उनकी जुबानी Youth Of Uttarakhand में :