#Uttarakhand Politics: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक बार फिर बड़ा बयान प्रदेश में दलित को मुख्यमंत्री बनना देखना चाहता हूं

Slider उत्तराखंड

देहरादून:
एक बार फिर हरीश रावत के बयान ने कांग्रेस के नेताओं की धड़कनें तेज करदी है, हरीश रावत ने मुख्यमंत्री पद को लेकर फिर एक बार फिर सियासत की पारा बड़ा दिया है। हरीश रावत ने चुनाव से पहले पंजाब में बयान दिया था कि वह उत्तराखंड में भी दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनता हुआ देखना चाहते हैं, इसके बाद चुनाव नजदीक आया तो पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्वर बदले बदले नजर आने लगे लेकिन इसके बाद चुनाव प्रचार प्रसार पर पार्टी तैयारी करने लगी और प्रत्याशियों के नाम को लेकर भी चिंतन होने लगा तो हरीश रावत चुनाव में अपने चेहरे पर चुनाव लड़ने के लिए हाईकमान पर दबाव बनाने लगे। वही हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए खुद को मुख्यमंत्री का चेहरा ना बनाए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी, अब पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बार-बार बयान बदलते हुए मुख्यमंत्री बनने या घर बैठने जैसे बयानों से कांग्रेस पार्टी ही नहीं भाजपा के नेता भी कंफ्यूज हो रहे हैं।
ऐसे में फिर एक बार शनिवार को मीडिया से रूबरू होते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दलित मुख्यमंत्री का राग अलापना शुरू करदिया है। उन्होंने इस बयान पर एक बार फिर पुरानी टिपरी बजाना शुरू कर दी है उन्होंने कहा कि वह प्रदेश में एक बड़ा उदाहरण देखना चाहते है, वह इसके लिए प्रदेश में कांग्रेस एक दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाने की पक्षधर में है, हालांकि मौजूदा चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार आती है तो इसी दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा इस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा लेकिन उन्होंने कहा कि वह अपने जीवन में एक बार कांग्रेस से किसी दलित चेहरे को मुख्यमंत्री बनता जरूर देखना चाहेंगे।
देखा जाए तो कांग्रेस ने पिछले इतिहास में अपना काफी दलित वोट बैंक खोया है जिसपर एक बार पंजाब में दलित मुख्यमंत्री चन्नी को बनाकर कांग्रेस ने पंजाब में खुद को मजबूत करने की कोशिश की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *