BIG NEWS: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन को दो भागों में बांट कर अलग-अलग देश की मान्यता दी, पढ़े पुतिन ने किस तरह किया ये काम

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#Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन और रूस के बीच जंग जैसे हालात पर राष्ट्रपति व व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के लुहंस्क व डोनेत्स्क को अलग-अलग देश की मान्यता दे दी है इन दोनों नए देशों पर 2014 से ही अलगाववादियों का कब्जा है यूक्रेन इनको रूस समर्थक अलगाववादी मानता है।

यूक्रेन और रूस के बीच बढ़ते जंग के हालात एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी न्यू ट्रेन के दो हिस्सों डोनेट सख्त और रोहन सख्त को अलग-अलग देश की मान्यता दे दी है रूस विश्व का सबसे पहला ऐसा देश बन गया है जिसमें इन दोनों जगहों को अलग-अलग देश की मान्यता दी है वहीं अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस के इस कदम की घोर आलोचना की है

यूक्रेन से किस तरह अलग हुए ये क्षेत्र एक नजर इसमें भी :

2013 के नवंबर में यूक्रेन के पूर्व राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच यूरोपियन यूनियन के साथ मिलकर एक समझौते पर हस्ताक्षर करने से अपने कदम पीछे हटा लिए थे। इसके बाद उनके इस कदम पर विरोध शुरू हो गया था, जिसके चलते 22 फरवरी 2014 को यूक्रेन के पूर्व राष्ट्रपति यानुकोविच को अपना देश छोड़कर फरार होना पड़ा था।
इसके कुछ दिन बाद आर्मी की ड्रेस पहने विद्रोहियों ने क्रीमिया की संसद पर अपना कब्जा कर लिया था।
यूक्रेन ने आरोप लगाते हुए इन्हें रूस के सैनिक बताया जिस पर रूस ने इस आरोप को सिरे से नकार कर दिया था । वही 2014 मार्च में यूक्रेन कि जनमत संग्रह का आयोजन हुआ जिसमें 97% फ़ीसदी जनता ने रूस में शामिल होने के पक्ष में वोट दिया और 18 मार्च 2014 में क्रीमिया अधिकारिक रूप से रूस में शामिल कर लिया गया था।

वही 2014 अप्रैल में डोनेतस्क और लुहंस्क में क्रीमिया जैसे ही जनमत संग्रह करने की मांग जबरदस्त तरीके से उठने लगी थी, यूक्रेन ने इस को सिरे से नकार दिया था, इसके बाद अलगाववादियों ने दोनों ही क्षेत्रों में सरकारी कार्यालयों पर अपना कब्जा करना शुरू कर दिया था। जबकि इसके बावजूद मई में दोनों ही क्षेत्रों में जनमत संग्रह कराया गया वही मई 2014 में यह जनमत संग्रह होने के बाद अलगाववादियों ने दावा किया कि डोनेत्स्क के 89% तो लुहंस्क के 96% लोगों ने अपना अलग-अलग शासन बनाने के पक्ष में वोट दिया । जनमत संग्रह के तुरंत बाद दोनों क्षेत्रों के अलगाववादियों ने अपने अलग-अलग देश घोषित कर दिए।
डोनेत्स्क में 2014 के मई 16 तारीख को शासन का गठन हुआ अलेक्जेंडर जखरचेतको को यहां के प्रधानमंत्री बने जिनकी सितंबर 2018 में एक बम धमा हुआ इस हादसे में उनकी की मृत्यु हो गई। उनकी मौत के बाद डेनिश पुशिलीन यहां के जन सेवक के रूप में चुने गए। डोनेत्स्क की ससंद को पीपल्स काउंसिल कहा जाता है, जिसमें 100 सदस्यों वाली टीम होती है।
वही 2014 कि 18 मई को लुहंस्क ने अपना संविधान अपनाया यहां की संसद को भी पीपल काउंसिल कहा जाता है जिसमें 50 सदस्यों की टीम होती है। एलेक्सी कार्याकीन लुहंस्क के पहले जन सेवक के रूप में नेता चुने गए। नवंबर 2018 में यहां दूसरी बार चुनाव हुए थे, जिसमें लियोनिड पेसेचनिक को यहां की जनता का नेता चुना गया।

ख़बर सोर्स : आज तक ( सबसे तेज)

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