यूसर्क देहरादून द्वारा आयोजित हैंड्स ऑन कार्यशाला

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देहरादून:

उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) देहरादून द्वारा पंडित ललित मोहन शर्मा श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय परिसर ऋषिकेश व एम्स ऋषिकेश के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हैंड्स ऑन कार्यशाला “Analytical instrumentation techniques and their application in disease diagnosis” का आज समापन हुआ।
इस कार्यशाला में गढ़वाल क्षेत्र के अलग-अलग महाविद्यालयों से आए 35 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया ।
इन प्रतिभागियों द्वारा 3 दिन पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर, ऋषिकेश के मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग में तथा 3 दिन एम्स ऋषिकेश के बायकेमिस्ट्री विभाग में प्रशिक्षण लिया।
समापन सत्र के अवसर पर यूसर्क निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अनीता रावत ने अपने संदेश में कहा कि
यूसर्क द्वारा संचालित इन कार्यक्रमों का उद्देश्य है कि छात्रों में विज्ञान के प्रति समझ व रुचि पैदा हो तथा वैज्ञानिक चेतना का विकास हो। उन्होंने यूसर्क द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों का भी संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कर छात्रों को आव्हान किया कि वे यूसर्क के विभिन्न कार्यक्रमों से जुड़कर स्वयं को लाभान्वित करें। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को कार्यक्रम के सफल संचालन में प्रतिभाग हेतु अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।

समापन सत्र में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एम्स ऋषिकेश के डीन रिसर्च, डॉ प्रशांत एम पाटील ने अपने संबोधन में छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दी तथा भविष्य में भी यूसर्क से मिलकर कार्य करने की इच्छा जाहिर करी और कहा कि छात्र छात्राओं को अपने पाठ्यक्रम से इतर भी पढ़ना चाहिए इससे उनके व्यवहार में परिवर्तन आएगा।
एम्स बायोकेमिस्ट्री विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनीशा आतिफ ने छात्र-छात्राओं इस प्रकार के हैंड्स ऑन ट्रेनिंग कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करने पर हर्ष व्यक्त किया और कहा कि इन तकनीकियों को अपने संस्थान के अन्य छात्र छात्राओं को भी लाभान्वित कराएं।
इस कार्यशाला के संयोजक प्रो गुलशन कुमार ढींगरा ने सभी अतिथियों को औषधीय पौधा देकर स्वागत किया तथा प्रतिभागियों व विषय विशेषज्ञों का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा कहा कि छात्र इस कार्यशाला से अत्यधिक लाभान्वित हुए व प्रफुल्लित हैं उन्होंने यूसर्क तथा एम्स, ऋषिकेश का भी धन्यवाद ज्ञापित किया जिनके परस्पर सहयोग से यह कार्यशाला सफल संपादित हुई।
यूसर्क के वैज्ञानिक डॉक्टर ओ पी नौटियाल ने इस कार्यक्रम के वृतांत प्रेषित किया जिसमें उन्होंने बताया कि छात्र छात्राओं ने प्रथम दिन बेसिक माइक्रोबायोलॉजिकल तकनीकी के अंतर्गत बैक्टीरिया को आइसोलेट स्टेनिंग, माइक्रोस्कॉपी करना सीखा, दूसरे दिन बायोकेमिकल तकनीकी के अंतर्गत छात्रों ने शरीर के जैविक रसायनो का परीक्षण किया तथा तीसरे दिन पैथोलॉजिकल तकनीकी के अंतर्गत रक्त से जांच की विधियां पंडित ललित मोहन परिसर में सीखी तथा चौथे पांचवें व छठे दिन प्रतिभागियों ने एम्स में एडवांस तकनीकी जैसे हाइड्रोजन ब्रेथ फ़ॉर जीआईटी टेस्ट, पीसीआर, इलेक्ट्रोफॉरेसिस, गंगा वॉटर क्वालिटी एनालिसिस, एलाइजा, एचपीएलसी आदि तकनीकी पर एम्स ऋषिकेश में काम किया।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो एम एस रावत ने कार्यक्रम संयोजक प्रो गुलशन कुमार ढींगरा, बायोकेमिस्ट्री विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो अनीशा तथा यूसर्क के डॉ ओ पी नौटियाल को इस सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए छात्र-छात्राओं का अपना आशीर्वचन दिया।
इसके पश्चात सभी प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट प्रदान किये गए तथा सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये गये।
इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव खेमराज भट्ट, परीक्षा नियंत्रक प्रोफ़ेसर बी पी श्रीवास्तव, वित्त नियंत्रक प्रोफेसर सीएस नेगी, परीक्षा नियंत्रक डॉ हेमंत बिष्ट, मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी विभाग की श्रीमती शालिनी कोठियाल, देवेंद्र भट्ट अर्जुन पालीवाल, सफिया हसन, आकांक्षा जोशी, पवन कुमार, श्रवण कुमार, कमल कुमार ,चंद्रशेखर राजभर आदि उपस्थित थे।